चंडीगढ़, 15 मार्च (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र पर प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया के दोषपूर्ण क्रियान्वयन के जरिए अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि सभी समान विचारधारा वाले दल लोकतंत्र को “दबाने” की इस कोशिश के खिलाफ हाथ मिलाएंगे।
इस प्रक्रिया को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है, तथा तमिलनाडु में एक सर्वदलीय बैठक में संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के जनसंख्या आधारित परिसीमन का विरोध किया गया।
परिसीमन पर एक सवाल का जवाब देते हुए मान ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई “अलोकतांत्रिक कार्यप्रणाली” भाजपा की मंशा पर संदेह पैदा करती है।
उन्होंने आरोप लगाया, “रणनीतिक रूप से, जिन राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी कमजोर हैं, वहां (संसदीय) सीटों को कम किया जा रहा है, जबकि जिन राज्यों में भाजपा का विभाजनकारी एजेंडा फल-फूल रहा है, वहां सीटों को बढ़ाया जा रहा है।’’
पंजाब के मुख्यमंत्री ने यहां कहा कि सभी समान विचारधारा वाली पार्टियां लोकतंत्र को कुचलने के लिए केंद्र सरकार के इस दमन के खिलाफ हाथ मिलाएंगी।
मान ने कहा कि आप ने इस मामले पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन से बात की है। “उनके दो मंत्री हमसे मिलने आ रहे हैं। हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वे (भाजपा के नेतृत्व वाला केंद्र) कितनी सीटें बढ़ाना चाहते हैं और किन क्षेत्रों में।”
मान ने 72 शिक्षकों के एक जत्थे को फिनलैंड दौरे के लिए हरी झंडी दिखाने के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “हमने अपने अधिकारियों को इस काम पर लगा दिया है और हमें पता चल जाएगा कि पंजाब में कितनी सीटें बढ़ेंगी या घटेंगी।”
उल्लेखनीय है कि स्टालिन ने पहले प्रस्ताव दिया था कि 2026 से शुरू होकर 30 वर्षों के लिए संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का आधार 1971 की जनगणना को बनाया जाए।
भाषा
प्रशांत माधव
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