भोपाल, छह फरवरी (भाषा) शिवपुरी जिले में स्थित माधव राष्ट्रीय उद्यान (एमएनपी) जल्द ही मध्यप्रदेश का नौवां बाघ अभयारण्य बन जाएगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने मीडिया को जारी एक वीडियो संदेश में यह घोषणा की।
एक अधिकारी ने बताया कि एक दिसंबर को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की तकनीकी समिति ने माधव राष्ट्रीय उद्यान को बाघ अभयारण्य घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहानी कि राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार है।
एमएनपी के निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा, ‘‘फिलहाल 375 वर्ग किलोमीटर में फैले एमएनपी में तीन बाघ हैं। दो शावक भी देखे गए हैं। इसके अलावा, मार्च में दो बाघ एमएनपी में लाए जाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि उद्यान को बाघ अभयारण्य बनाने के लिए इसमें 1200 वर्ग किलोमीटर से अधिक वन क्षेत्र जोड़ा जाएगा।
वन्यजीव विशेषज्ञ अजय दुबे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मध्यप्रदेश में आठ बाघ अभयारण्य हैं, जो देश के किसी भी राज्य के लिए सबसे अधिक है।’’
ये आठ अभयारण्य कान्हा, सतपुड़ा, बांधवगढ़, पेंच, संजय दुबरी, पन्ना, वीरांगना दुर्गावती और रातापानी हैं। दिसंबर के पहले सप्ताह में मध्यप्रदेश सरकार ने रायसेन जिले के रातापानी जंगल को आठवें बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया।
एनटीसीए और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी ‘बाघों की स्थिति: भारत में सह-शिकारी और शिकार-2022’ रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश में बाघों की आबादी 785 होने का अनुमान है, जो देश में सबसे अधिक है। इसके बाद कर्नाटक में 563 और उत्तराखंड में 560 बाघ हैं।
भाषा दिमो
राजकुमार
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