मुंबई, 25 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने बांग्लादेशी प्रवासियों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के प्रयास में ‘विलंबित’ आवेदनों पर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किये जाने की पड़ताल के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि महानिरीक्षक दत्ता कराले के नेतृत्व वाली यह एसआईटी विलंबित आवेदनों पर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किये जाने की जांच करेगी।
विलंबित आवेदन ऐसे आवेदन होते हैं जो किसी व्यक्ति के जन्म या मृत्यु के कम से कम एक साल बाद संबंधित प्रमाणपत्र के लिए दिये जाते हैं।
मुंबई में अभिनेता सैफ अली खान पर चाकू से हमला करने के आरोप में पुलिस द्वारा 30 वर्षीय बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम शहजाद मोहम्मद रोहिल्ला अमीन फकीर को गिरफ्तार किये जाने के बाद बांग्लादेशियों के भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने और देश में रहने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जा रहा है।
विलंबित आवेदन प्रकरण की एसआईटी जांच की पुष्टि करते हुए राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पहले ही जारी किये जा चुके प्रमाणपत्रों एवं प्राप्त आवेदनों की जांच की जाएगी।
महाराष्ट्र सरकार ने भाजपा नेता किरीट सोमैया द्वारा जन्म प्रमाण पत्र घोटाला होने का आरोप लगाये जाने के बाद यह जांच दल गठित करने का निर्णय लिया है।
पूर्व सांसद सोमैया ने आरोप लगाया है कि जनवरी 2021 से दिसंबर 2023 तक अकोला शहर की मजिस्ट्रेट अदालत ने 269 विलंबित जन्म पंजीकरण के आदेश दिये थे लेकिन तहसीलदार ने 4,849 विलंबित जन्म आवेदनों को पंजीकृत करने के आदेश दे दिए।
भाजपा नेता ने दावा किया किया यवतमाल में 11,864, अकोला में 15,845 और नागपुर जिले में 4,350 विलंबित आवेदन दिये गये।
सोमैया ने आरोप लगाया है कि दो लाख बांग्लादेशी रोहिंग्याओं ने महाराष्ट्र में जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया है और इस सिलसिले में मालेगांव में एक तहसीलदार को निलंबित किया गया है।
भाषा
राजकुमार प्रशांत
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