मुंबई, एक मार्च (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने वाहनों की हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेटों (एचएसआरपी) के लिए अत्यधिक शुल्क वसूलने के विपक्ष के आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि कीमतें दूसरे राज्यों के समान हैं।
चोरी और धोखाधड़ी संबंधी गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से, वाहनों की पहचान के लिए उनपर एचएसआरपी प्लेट लगाई जाती हैं। इनमें सुरक्षा से जुड़ी कई विशेषताएं होती हैं।
शुक्रवार देर शाम जारी एक बयान में, सरकार ने कहा कि पंजीकरण प्लेटों के लिए अनुबंध देते समय उचित प्रक्रिया का पालन किया गया, और एक उच्चस्तरीय समिति ने दरों को मंजूरी दी थी।
विपक्षी दलों, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर एचएसआरपी के लिए कंपनियों को दिए गए ठेकों की जांच की मांग की थी।
सरकार ने एक अप्रैल, 2019 से पहले पंजीकृत वाहनों के लिए एचएसआरपी अनिवार्य कर दिया है। इसने एचएसआरपी फिट करने की समय सीमा 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है।
सरकार के बयान के अनुसार, परिवहन आयुक्त कार्यालय ने समिति द्वारा अनुमोदित दरों के आधार पर शुल्क के आदेश जारी किए, और शुल्क में नंबर प्लेट व ‘फिटमेंट’ शुल्क शामिल हैं।
सरकार ने दावा किया कि अन्य राज्यों में जीएसटी हटाकर एचएसआरपी की दरें दोपहिया वाहनों के लिए 420-480 रुपये, तिपहिया वाहनों के लिए 450-550 रुपये और चार पहिया व भारी वाहनों के लिए 690-800 रुपये के बीच हैं।
सरकार ने बताया कि महाराष्ट्र में जीएसटी हटाकर शुल्क दोपहिया वाहनों के लिए 450 रुपये, तिपहिया वाहनों के लिए 500 रुपये और चार पहिया व भारी वाहनों के लिए 745 रुपये हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रदेश प्रमुख जयंत पाटिल ने मुख्यमंत्री को अलग-अलग पत्र लिखे हैं, जिनमें सरकार पर अत्यधिक शुल्क वसूलने का आरोप लगाया है और एचएसआरपी के लिए कंपनियों को दिए गए अनुबंधों की जांच की मांग की है।
भाषा जोहेब प्रशांत
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