महाराष्ट्र विधानमंडल में हंगामा, आदित्य बोले-आरोपों पर अदालत में जवाब दूंगा |

Ankit
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मुंबई, 20 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत ‘महायुति’ गठबंधन के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को दिशा सालियान की मौत के मामले को राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में उठाया, जिसके बाद तीखी नोकझोंक हुई। वहीं, शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि वह उन पर लगाए जा रहे आरोपों का जवाब अदालत में देंगे।


‘महायुति’ के विधायकों ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र विधानसभा में दिशा सालियान की मौत का मुद्दा उठाया और जानना चाहा कि उसके पिता ने जिनके नाम लिए हैं, क्या उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

सालियान के पिता ने मामले में उच्च न्यायालय का रुख किया है।

भाजपा विधायक अमीत साटम ने आज विधानसभा में यह मुद्दा उठाया।

इससे एक दिन पहले ही सतीश सालियान ने अपनी बेटी की मौत के मामले की नये सिरे से जांच की मांग की थी।

साटम ने कहा कि बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व प्रबंधक दिशा सालियान की आठ जून 2020 को मौत हो गई थी या उनकी हत्या की गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने मौत को आत्महत्या करार दिया है और आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई। दिसंबर 2022 में एक एसआईटी का गठन किया गया था, लेकिन अभी तक कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। लेकिन सोशल मीडिया इस बारे में अटकलों से भरा है कि सालियान की मौत के समय क्या कोई पार्टी चल रही थी, क्या उसे मारा गया था।’’

साटम ने कहा, ‘‘सालियान के पिता ने मीडिया को बताया है कि उन्हें संदेह है कि उनकी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने अदालत में एक याचिका दायर की है। पिछली एमवीए (महा विकास आघाडी) सरकार ने मामले को दबा दिया। तत्कालीन महापौर ने उनसे (सतीश सालियान) मुलाकात की, उन्हें गुमराह किया और कुछ न कहने के लिए उन पर दबाव डाला। उन्होंने (सतीश सालियान) कहा है कि पिछले एमवीए शासन के एक मंत्री की (मामले में) संलिप्तता थी।’’

सतीश सालियान ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने जून 2020 में रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई अपनी बेटी की मौत की नये सिरे से जांच कराने के लिए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

सतीश ने कहा कि याचिका में उच्च न्यायालय से शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

मंत्री नितेश राणे ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के अनुसार, एक व्यक्ति जिसके खिलाफ इस तरह के आरोप लगाए जाते हैं, उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

राणे ने पूछा कि क्या ‘‘पूर्व मंत्री’’ को गिरफ्तार किया जाएगा।

शंभूराज देसाई ने राणे का समर्थन किया और कहा कि कानून आम आदमी और शक्तिशाली लोगों के लिए अलग नहीं हो सकता है।

दिशा सालियान की मौत आठ जून 2020 को उपनगरीय मलाड में एक आवासीय इमारत की 14वीं मंजिल से गिरने से हुई थी। इसके बाद शहर की पुलिस ने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया था।

महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम के कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच अभी भी जारी है और सालियन के पिता ने अपनी याचिका में राज्य सरकार को पक्षकार बनाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अदालत के आदेशों के अनुसार कार्य करेंगे। जो लोग दोषी हैं, वे चाहे कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। कानून सभी के लिए समान है।’’

विधान परिषद में शिवसेना की मनीषा कायंदे और भाजपा के प्रवीण दारेकर ने सालियान की मौत का मुद्दा उठाया।

विपक्ष के नेता एवं शिवसेना (उबाठा) सदस्य अंबादास दानवे ने इसे राजनीति से प्रेरित मामला बताते हुए आपत्ति जताई। उन्होंने 2021 में पुणे में एक युवती की मौत का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘सरकार जांच कर सकती है तथा एक और एसआईटी भी गठित कर सकती है, लेकिन पूजा चव्हाण की संदिग्ध मौत पर भी यही नियम लागू होने चाहिए।’’

चव्हाण की मौत के मामले के कारण तत्कालीन एमवीए सरकार में मंत्री संजय राठौड़ को इस्तीफा देना पड़ा था। राठौड़ वर्तमान ‘महायुति’ सरकार में भी मंत्री हैं।

शिवसेना (उबाठा) के एक अन्य नेता अनिल परब ने कहा कि आदित्य ठाकरे के खिलाफ डेढ़ साल से अधिक समय से मामला चल रहा था और सीबीआई ने उन्हें (ठाकरे को) क्लीनचिट दी है।

इस बीच, सतीश सालियान की याचिका के बारे में संवाददाताओं के सवाल पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि जून 2020 में दिशा सालियान की आकस्मिक मौत के मामले में उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है और वह अदालत के सामने अपना पक्ष रखेंगे।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ठाकरे ने कहा, ‘‘पिछले पांच साल से मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। हम अदालत में अपना पक्ष रखेंगे।’’

वहीं, सत्तारूढ़ दल के सदस्यों द्वारा मामले में बेटे आदित्य को निशाना बनाए जाने पर शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा को आगाह किया कि अगर वह झूठी बातों को तथ्य के रूप में पेश करना चाहती है, तो यह उलटा पड़ेगा।

विधान भवन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने आदित्य और सालियान की मौत के बीच किसी भी संबंध को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि आरोपों में कोई दम नहीं है।

उद्धव ने कहा, ‘‘हर बार सत्र में यह मुद्दा उठाया जाता है। आरोपों में कोई दम नहीं है। लेकिन अगर राजनीति इतनी घटिया तरीके से की जा रही है, तो इससे सभी को नुकसान होगा….अगर आप झूठ को सच बनाना चाहते हैं, तो यह आप पर ही उल्टा पड़ेगा।’’

इस बीच, सतीश सालियान के वकील नीलेश ओझा ने आज एक प्रेस वार्ता में कहा कि दिशा की मौत आकस्मिक नहीं थी, बल्कि हत्या थी। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने कोई फोरेंसिक सबूत इकट्ठा नहीं किया और मामले को आत्महत्या/आकस्मिक मौत करार देकर जांच बंद कर दी।

ओझा ने यह भी आरोप लगाया कि आदित्य ठाकरे और दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व प्रेमिका रिया चक्रवर्ती दोस्त थे और अभिनेता की मौत के समय दोनों राजपूत के फ्लैट में मौजूद थे।

भाषा शफीक पारुल

पारुल



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