महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख ने निर्वाचन आयोग से डीजीपी शुक्ला के ‘अवैध’ सेवा विस्तार की समीक्षा करने का अनुरोध किया

Ankit
4 Min Read


मुंबई, सात अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस ने महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला की ‘राजनीति से प्रेरित’ नियुक्ति और उन्हें दिए गए सेवा विस्तार की समीक्षा करने का भारत के निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया और कहा कि इससे निर्वाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा पिछले 10 दिन में आयोग को लिखा गया यह दूसरा पत्र है। अपने पिछले पत्र में, पटोले ने शुक्ला को तत्काल हटाने की मांग की थी, ताकि विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित किए जा सकें।

पटोले ने कहा कि शुक्ला को दिया गया दो साल का विस्तार महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम का उल्लंघन है।

शुक्ला को जनवरी 2024 में पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया था।

कांग्रेस के अनुसार, शुक्ला को 30 जून 2024 को सेवानिवृत्ति की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त होना था। हालांकि, उन्हें अवैध रूप से जनवरी 2026 तक सेवा विस्तार दिया गया है।

पटोले ने कहा, ‘‘आगामी (विधानसभा) चुनाव के इतने करीब शुक्ला को सेवा विस्तार दिया जाना संदेह पैदा करता है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि यह निर्णय राजनीति से प्रेरित है, जो संभावित रूप से चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।’’

उन्होंने चुनाव आयोग से तत्काल कार्रवाई करने और शुक्ला की नियुक्ति और सेवा विस्तार की समीक्षा करने का आग्रह किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी नियुक्तियों को नियंत्रित करने वाले कानूनों और सिद्धांतों का सख्ती से पालन किया जाए।

पटोले ने मांग की, ‘‘यह न केवल महाराष्ट्र के पुलिस बल की अखंडता के लिए, बल्कि पूरे भारत में पुलिस प्रशासन के भविष्य के लिए भी आवश्यक है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि शुक्ला को सेवा विस्तार दिये जाने से सरकारी कार्यों की निष्पक्षता में विश्वास खत्म हो गया है, खासकर जब महत्वपूर्ण कानून प्रवर्तन पद पर ऐसा किया जाता है।

पटोले ने पत्र में लिखा है, ‘‘रश्मि शुक्ला के कार्यकाल को उनकी मूल सेवानिवृत्ति तिथि से आगे बढ़ाना महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है, जो डीजीपी के लिए दो साल का कार्यकाल अनिवार्य करता है, बशर्ते उनकी सेवानिवृत्ति इस अवधि के दौरान निर्धारित न हो।’’

उन्होंने पत्र में यह भी कहा, ‘‘उनका (शुक्ला का) कार्यकाल सेवानिवृत्ति तिथि से आगे बढ़ाकर सरकार ने इस महत्वपूर्ण प्रावधान की अवहेलना की है, जिससे कानून के शासन के पालन को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं।’’

उन्होंने आगे कहा कि ‘‘प्रकाश सिंह’’ मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए सेवा विस्तार को उचित ठहराने संबंधी राज्य सरकार की दलील भ्रामक थी।’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि इस तरह के ‘‘खतरनाक उदाहरणों’’ का पूरे देश में असर हो सकता है, क्योंकि वे संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के स्थापित मानदंडों को दरकिनार करते हैं।

उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘‘रश्मि शुक्ला का कार्यकाल बढ़ाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है, जिससे सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं। ऐसा लगता है कि यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया है, जिसमें कानूनी मानकों और सार्वजनिक जवाबदेही पर स्पष्टता बहुत कम है या बहुत कम विचार किया गया है।’

महाराष्ट्र में 288-सदस्यीय सदन के लिए नवंबर में चुनाव होने की संभावना है।

भाषा सुरेश अविनाश

अविनाश



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *