महाकुंभ में मध्यप्रदेश की संस्कृति की झलक.. राज्य के मंदिर और ऐतिहासिक स्थलों की मिलेगी जानकारी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजेगा मंच |

Ankit
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भोपाल। संस्कृति विभाग की ओर से प्रयागराज में 13 जनवरी, 2025 से 26 फरवरी, 2025 तक आयोजित महाकुंभ मेला में विभाग द्वारा मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर, मंदिरों, साहित्य के साथ फिल्मों एवं नृत्य, गायन, वादन और अन्य को प्रदर्शित किया जा रहा है। संचालक, संस्कृति एनपी नामदेव ने बताया कि कुंभ मेला परिसर के सेक्टर-7 में संस्कृति विभाग की ओर से ‘मध्यप्रदेश मण्डप’ तैयार किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश के कलाकारों को प्रतिदिन अपनी भक्ति-ऊवना दिखाने का अवसर दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश मण्डप में श्रोता-दर्शकों की बैठक व्यवस्था की गई है। यहाँ आध्यात्मिक विषयों की प्रदर्शनी और संस्कृति विभाग द्वारा तैयार की गई फिल्मों का प्रदर्शन किया जायेगा।


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मण्डप में दिखेंगी मध्यप्रदेश के मंदिर और ऐतिहासिक धरोहरें

तीर्थयात्री मध्यप्रदेश मण्डप में मध्यप्रदेश के मंदिर और ऐतिहासिक धरोहर को देख सकेंगे। मंडप में महाकालेश्वर, ओमकारेश्वर, खजुराहो, हरसिद्धि मंदिर, भीमबेटका, सांची, मैहर, महाकालेश्वर, अमरकंटक, मां पीतांबरा पीठ, चित्रकूट, नलखेड़ा की जानकारी और चित्रों को प्रदर्शित किया जा रहा है। साथ ही देवी अहिल्या बाई की 300वीं जन्म शताब्दी पर अहिल्याघाट को प्रदर्शित करता मंच भी तैयार किया गया है।

मंडप में प्रतिदिन होगी प्रस्तुतियाँ

संस्कृति विभाग द्वारा प्रतिदिन 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी, 2025 तक मां नर्मदा एवं गंगा आरती, गायन, वादन, नृत्य की प्रस्तुतियों का संयोजन दोपहर 12 बजे से रात्रि 10 बजे तक प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी जायेगी। मंडप में विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का प्रदर्शन एवं सह-विक्रय किया जायेगा।

‘कुंभ कलेण्डर’ का प्रकाशन

ज्योतिष मठ संस्थान, भोपाल द्वारा पूर्व में सिहंस्थ उज्जैन के महाकुंभ में कुम्भ कलेण्डर का प्रकाशन किया गया था। प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में ‘कुंभ कलेण्डर’ का प्रकाशन भी संस्कृति विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस कलेण्डर में कुंभ की एक माह की विस्तृत जानकारी के साथ महाकुंभ से संबंधित जानकारी, अमृत स्नान, पब्लिक सहायता नम्बर आदि के साथ पूरे कुंभ के दौरान आने वाले वृत त्यौहारों की जानकारी के साथ गृह नक्षत्र आदि की तिथिवार जानकारी समाहित होगी।

चित्र प्रदर्शनियाँ

संस्कृति विभाग एवं महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ, उज्जैन की ओर से श्रीराम के 36 गुणों आधारित, 84 महादेव आधारित, देवी 108 स्वरूपों आधारित, गौ और गोपाल आधारित, भगवान श्रीकृष्ण द्वारा सीखी गईं 64 कलाओं और 14 विद्याओं आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। विभागीय प्रकाशनों का पुस्तक मेला भी आयोजित किया जा रहा है।

 



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