लखनऊ, छह मार्च (भाषा) महाकुंभ में एक नाविक की 30 करोड़ रुपये की कमाई के दावों पर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को अपने रुख का बचाव करते हुए कहा कि नाविक इस धार्मिक आयोजन के ‘‘सबसे बड़े लाभार्थियों’’ में से हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मीडिया में जारी एक बयान में इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रयागराज में महाकुंभ ने सामाज में सबसे निचले पायदान पर मौजूद कई लोगों को किस तरह से महत्वपूर्ण आर्थिक राहत प्रदान की।
प्रयागराज नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू लाल निषाद के हवाले से बयान में कहा गया, ‘‘1.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने नावों का उपयोग करके त्रिवेणी में डुबकी लगाई।’’
बयान में विस्तार से बताया गया है कि महाकुंभ के दौरान 4,500 से अधिक नौकाएं चौबीसों घंटे संचालित की जाती थीं, जिनमें से हर एक को कम से कम तीन नाविकों की जरूरत होती थी। बयान में कहा गया कि नतीजतन, 13,000 से ज्यादा नाविकों ने आठ से नौ लाख रुपये कमाए। इस कमाई से उत्साहित होकर कई लोग अब नए व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं।
नाविकों में से एक संजीत कुमार निषाद ने बताया कि कैसे उन्हें अपनी दो बेटियों की शादी के लिए पैसे कमाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन महाकुंभ से हुई कमाई की बदौलत वे अपने सपने को पूरा करने में सफल रहे।
बयान में कहा गया कि इसी तरह, बलवंत निषाद अब महाकुंभ से हुई कमाई से घर बनाने और नई नाव खरीदने की योजना बना रहे हैं।
कुंभ के दौरान सेवा प्रदाताओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के योगी आदित्यनाथ सरकार के फैसले की भी प्रशंसा की।
इससे पहले, बृहस्पतिवार को विपक्षी दलों ने महाकुंभ के दौरान नाविक पिंटू महरा की 30 करोड़ रुपये की कमाई के दावे को लेकर सवाल उठाए और यह भी आरोप लगाया कि नाविक का आपराधिक इतिहास रहा है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘इस समाचार की सच्चाई की पड़ताल हो। अगर सच में एक परिवार ने महाकुंभ में अकेले 30 करोड़ कमाए हैं तो जीएसटी कितना मिला ये भी तो बताएं। ‘पातालखोजी’ पहले पता कर लिया करें फिर महिमामंडन किया करें।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पहले ठग से ‘एमओयू’ कर लिया, अब नामजद के नाम की सदन में बंद आंखों से तारीफ कर दी। अब तो आंखे खोलें। इन्हीं सब वजहों से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।’’
यादव ने एक समाचार भी साझा किया जिसमें आरोप लगाया गया कि महरा का आपराधिक इतिहास रहा है।
भाषा जफर खारी
खारी