मलयालम अभिनेताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप; मोहनलाल ने छोड़ा शक्तिशाली अभिनेताओं का संगठन

Ankit
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तिरूवनंतपुरम/कोच्चि/त्रिशूर 27 अगस्त (भाषा) मलयालम फिल्म उद्योग में मंगलवार को उस वक्त भूचाल आ गया, जब अभिनेता और ‘मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन’ (एएमएमए) के अध्यक्ष मोहनलाल ने अपने कुछ सदस्यों पर यौन शोषण के आरोपों के कारण तीव्र विरोध के बीच अन्य शीर्ष पदाधिकारियों के साथ इस्तीफा दे दिया।


कांग्रेस और भाजपा ने अभिनेता-राजनीतिक नेता मुकेश के खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता का हवाला देते हुए माकपा विधायक के रूप में उनके इस्तीफे की मांग तेज कर दी है।

इस बीच, मलयालम सुपरस्टार और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी को अपनी ही पार्टी भाजपा के भीतर से आलोचना का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्होंने मुकेश का बचाव किया था, जिन पर भी इसी तरह के दुर्व्यवहार के आरोप हैं। साथ ही, मंगलवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र त्रिशूर में मीडियाकर्मियों के साथ कथित तौर पर धक्का-मुक्की भी की।

महिला अभिनेत्रियों द्वारा कई पुरुष अभिनेताओं के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में लगाए गए यौन शोषण के आरोपों को लेकर मचे हंगामे के बीच, शीर्ष अभिनेता मोहनलाल समेत केरल के एक प्रभावशाली सिने कलाकार संघ के अन्य पदाधिकारियों ने मंगलवार को सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया।

एक बंगाली अभिनेत्री सहित कई अभिनेत्रियों ने मलयालम सिनेमा के कुछ जाने-माने चेहरों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप सार्वजनिक रूप से लगाए हैं, जिनमें प्रख्यात निर्देशक रंजीत और अभिनेता सिद्दीकी और मुकेश शामिल हैं।

ये आरोप न्यायमूर्ति के. हेमा समिति की रिपोर्ट के मद्देनजर लगाये गए हैं, जिसमें मलयालम फिल्म जगत में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को रेखांकित किया गया है।

मंगलवार को प्रभावशाली अभिनेता संघ – ‘एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स’ (एएमएमए) ने एक बयान जारी कर अपने अध्यक्ष मोहनलाल सहित अन्य पदाधिकारियों के सामूहिक इस्तीफे की घोषणा की।

मोहनलाल ने अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान, कार्यकारी समिति के सदस्यों के इस्तीफे के बारे में फैसला लेने से पहले एसोसिएशन द्वारा सामना की गई अभूतपूर्व दुविधा पर चर्चा के लिए इसके सदस्यों की कथित तौर पर एक ऑनलाइन बैठक बुलाई थी।

त्रिशूर में अभिनेता और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक एम मुकेश पर लगे आरोपों के बारे में पूछे जाने पर गोपी ने पत्रकारों से कहा कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है और वह इस पर फैसला लेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘आप (मीडिया) न केवल अपने फायदे के लिए लोगों को एक-दूसरे से लड़वा रहे हैं, बल्कि जनता को भी गुमराह कर रहे हैं। शिकायतें फिलहाल आरोपों की शक्ल में हैं। आप लोगों को क्या बता रहे हैं? क्या आप अदालत हैं? नहीं, आप नहीं हैं। अदालत फैसला करेगी। अदालत को फैसला करने दीजिए।’’

इसके बाद, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि एक अभिनेता और मंत्री के रूप में गोपी अपनी निजी राय व्यक्त करने के हकदार हैं, लेकिन पार्टी का रुख यह है कि मुकेश को इस्तीफा दे देना चाहिए।

तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से मुखातिब सुरेंद्रन ने कहा, ‘‘पार्टी का रुख वही होता है, जो पार्टी नेतृत्व तय करता है।’’

टीवी चैनल पर प्रसारित दृश्यों के अनुसार, जब पत्रकारों ने सुरेंद्रन के बयान पर गोपी की टिप्पणी लेनी चाही, तो उन्होंने गुस्से में उनमें से कुछ को कथित तौर पर धक्का दे दिया।

दृश्यों के मुताबिक, जब गोपी अपने आधिकारिक वाहन में बैठने की कोशिश कर रहे थे, तब कुछ पत्रकार उनके पास पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने उन्हें यह कहते हुए धक्का दे दिया, ‘‘यह क्या है? कहीं भी जाना मेरा अधिकार है। कृपया हटिए।’’

इसके बाद वह कार के अंदर बैठ गए और पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब दिए बिना चले गए।

एसोसिएशन ने कहा कि मौजूदा प्रशासनिक समिति ने आरोपों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है।

यह बताया गया है कि न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद, एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों को सोशल, विजुअल और प्रिंट मीडिया में, यौन उत्पीड़न करने के आरोपों का सामना करना पड़ा। इसी के मद्देनजर, मौजूदा कार्यकारी समिति नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे रही है। इन पदाधिकारियों में अभिनेता सिद्दीकी भी शामिल हैं, जिन्होंने महासचिव पद से इस्तीफा दिया है।

एसोसिएशन ने कहा कि आम सभा की बैठक के बाद दो महीने के भीतर नयी प्रशासनिक समिति को चुना जाएगा। साथ ही, उसने कहा कि निवर्तमान समिति अगली आम सभा की बैठक तक एसोसिएशन के विभिन्न जारी कार्यक्रमों को बिना किसी चूक के आगे बढ़ाने के लिए एक अस्थायी प्रणाली के रूप में काम करना जारी रखेगी।

बयान में कहा गया है, ‘‘हमें उम्मीद है कि एसोसिएशन को उसमें सुधार लाने और उसे मजबूत करने वाला एक सक्षम नेतृत्व मिलेगा। हमारी आलोचना करने और हममें सुधार लाने के लिए हर किसी का आभार।’’

कई कलाकारों, खासतौर पर महिला कलाकारों ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों के इस्तीफे को लेकर प्रसन्नता जताई है।

अभिनेत्री श्वेता मेनन ने कहा कि उन्होंने कार्यकारी समिति के फैसले का स्वागत किया और इच्छा जताई कि संगठन अपने विभिन्न जारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने वाला सक्षम नेतृत्व पाएगा।

उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज जैसे एक युवा अभिनेता में एसोसिएशन का नेतृत्व करने की क्षमता है।

उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि राजू (पृथ्वीराज) भविष्य में अध्यक्ष होंगे।’’

मेनन ने कहा कि उन्हें यह देखकर दुख हुआ कि मोहनलाल जैसे दिग्गज अभिनेता घटनाक्रमों को लेकर इस कदर तनाव का सामना कर रहे हैं।

एक अन्य अभिनेत्री उषा ने कहा, ‘‘एक नयी समिति, जो महिलाओं की चिंताओं को दूर कर सके और जिसके पास महिला कलाकार साहसपूर्वक पहुंच सकें तथा अपने मुद्दों के बारे में खुलकर बात कर सकें, उसे संगठन में शीर्ष पदों पर आना चाहिए।’’

वरिष्ठ ‘डबिंग आर्टिस्ट’ भाग्यलक्ष्मी ने भी एसोसिएशन के पदाधिकारियों के इस्तीफे का स्वागत किया और कहा कि इसके सदस्यों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर यह उनकी जिम्मेदारी बनती थी।

मलयालम फिल्म उद्योग जगत में यौन उत्पीड़न पर न्यायमूर्ति के. हेमा समिति की रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद, कई अभिनेत्रियां सामने आईं और कार्यस्थल पर अपने साथ हुई बदसलूकी के बारे में बताया।

इन आरोपों के बीच, सरकार ने न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की घोषणा की।

इसके बाद, कई अभिनेताओं एवं निर्देशकों के खिलाफ और भी शिकायतें सामने आईं।

इस बीच, कांग्रेस और भाजपा ने मंगलवार को विधायक मुकेश के इस्तीफे की मांग तेज कर दी, लेकिन माकपा विधायक ने आरोपों को ‘‘वही राजनीतिक नाटक करार दिया जो 2018 में हुआ था।’’

इस बीच, केरल पुलिस ने कहा है कि हालिया आरोपों के आधार पर दर्ज मामले फिल्म उद्योग में महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए गठित विशेष टीम को सौंप दिए जाएंगे।

भाषा सुभाष देवेंद्र

देवेंद्र



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