मुंबई, चार अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि मराठी भाषा के इस्तेमाल की मांग को लेकर कुछ लोगों द्वारा कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) द्वारा राज्य की आधिकारिक भाषा के आक्रामक प्रचार की पृष्ठभूमि में यह टिप्पणी आई है।
फडणवीस ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मराठी भाषा के इस्तेमाल पर जोर देना गलत नहीं है। लेकिन अगर ऐसा करते समय (किसी के द्वारा) कानून को अपने हाथ में लिया जाता है, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और संबंधित व्यक्तियों के साथ उचित तरीके से निपटा जाएगा।”
मनसे राज्य में मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक और नागपुर जैसे बड़े निगमों में चुनाव से पहले मराठी पहचान के एजेंडे को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ा रही है।
मनसे कार्यकर्ताओं ने ठाणे और पुणे जिलों में अलग-अलग राष्ट्रीयकृत बैंकों के दो प्रबंधकों से ग्राहकों से संवाद करते समय मराठी का उपयोग न करने को लेकर उनके साथ बदसलूकी की।
ये घटनाएं बुधवार को ठाणे के अंबरनाथ शहर और पुणे के लोनावाला में हुईं।
घटना के वीडियो सोशल मीडिया मंचों पर वायरल हो गए।
मनसे सदस्यों ने बृहस्पतिवार को ठाणे में एक निजी बैंक के प्रबंधक से उसकी शाखा में मराठी भाषा वाले बोर्ड लगाने के लिए कहा और उस बोर्ड को हटा दिया जिस पर अंग्रेजी भाषा में लिखा गया था।
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने 30 मार्च को गुड़ी पड़वा के मौके पर आयोजित एक रैली में आधिकारिक कार्यों के लिए मराठी को अनिवार्य बनाने के अपने पार्टी के रुख को दोहराया था।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग जानबूझकर मराठी भाषा नहीं बोलेंगे, उन्हें ‘थप्पड़’ मारा जाएगा।
भाषा जितेंद्र संतोष
संतोष