भोपाल, 15 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ‘कृषक कल्याण मिशन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य किसानों की कल्याणकारी योजनाओं को एक छत के नीचे लाना है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कृषक कल्याण मिशन (केकेएम) के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई। बयान के मुताबिक, यह पहल प्रदेश के किसानों के समन्वित विकास के लिए किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, मत्स्य पालन विभाग, पशु पालन एवं डेयरी विभाग, सहकारिता विभाग, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग की जारी योजनाओं को एक मंच पर लाएगी।
एक अधिकारी ने कहा कि इसका लक्ष्य राज्य भर में किसानों के लिए समन्वित विकास सुनिश्चित करना है।
इस मिशन के उद्देश्यों में किसानों की आय बढ़ाना, कृषि को जलवायु के अनुकूल बढ़ावा देना, स्थायी तरीकों को अपनाना, जैव विविधता और पारंपरिक कृषि ज्ञान का संरक्षण, पोषण एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसानों की उपज के लिए उचित मूल्य की गारंटी देना शामिल है।
अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री इस मिशन की आम सभा के अध्यक्ष के रूप में काम करेंगे, जबकि मुख्य सचिव कार्यान्वयन के लिए कार्यकारी समिति के प्रमुख होंगे।
उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मिशन को लागू किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि मध्यप्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादकता (किलोग्राम प्रति हेक्टेयर) 2002-2003 में 1,195 से बढ़कर 2024 में 2,393 हो गई यानी 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि फसल उत्पादन (लाख मीट्रिक टन) में 323 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 2002-2003 में 224 से बढ़कर 2024 में 723 हो गई।
उन्होंने कहा कि कृषि विकास दर 2002-2003 में तीन प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 9.8 प्रतिशत हो गई।
अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही, कृषि बजट 2002-2003 में 600 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 27,050 करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने कहा कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 39 प्रतिशत है।
भाषा ब्रजेन्द्र सिम्मी
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