चेन्नई, एक फरवरी (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह शहर की दीवानी और पारिवारिक अदालतों सहित विभिन्न अदालतों में मामलों की सुनवाई के लिए आने वाले लोगों के सामान की जांच करने और उनकी तलाशी के लिए सभी प्रबंध करे।
अदालत ने ‘उच्च न्यायालय परिसर के अंदर देशी बम लाए जाने’ से संबंधित दो उदाहरणों की ओर इशारा किया, जो 2024 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता आर्मस्ट्रांग की नृशंस हत्या की जांच के दौरान सामने आए थे।
न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति एम जोतिरमन की पीठ ने हाल ही में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं पर अंतरिम आदेश पारित करते हुए यह निर्देश दिया। इस याचिका में आर्मस्ट्रांग की हत्या से संबंधित मामले में कथित रूप से शामिल व्यक्ति की हिरासत को चुनौती दी गई है।
पीठ ने कहा कि वकीलों, वादियों, अदालत के कर्मचारियों आदि के लिए पहले से उपलब्ध प्रवेश द्वार को बनाए रखा जाना चाहिए तथा वर्तमान में उपलब्ध प्रवेश या निकास द्वार सक्रिय बने रहेंगे।
पुलिस को अदालत परिसर के अंदर सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को तैनात करना चाहिए तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए। बार एसोसिएशन, वकील, वादी तथा अदालत कर्मचारियों को पुलिस के साथ सहयोग करना चाहिए।
भाषा
नोमान दिलीप
दिलीप