मकोका लगाया जाना चाहिए या नहीं, पुलिस कर रही जांच |

Ankit
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छत्रपति संभाजीनगर, दो जनवरी (भाषा) सरपंच संतोष देशमुख हत्या मामले और जबरन वसूली के संबंधित मामले में पुलिस गिरफ्तार व्यक्तियों के पिछले रिकॉर्ड की जांच कर रही है ताकि यह तय किया जा सके कि उन पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया जाना चाहिए या नहीं। यह जानकारी सूत्रों ने दी।


संबंधित घटनाक्रम में, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम से इस हत्या मामले में विशेष अभियोजक के रूप में पेश होने का अनुरोध किया है।

इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने गिरफ्तार व्यक्तियों के खिलाफ पुराने मामले के कागजात और आरोपपत्र मांगे हैं।’’

मकोका के तहत आरोप लगाने के लिए किसी आरोपी के खिलाफ पहले से कोई मामला दर्ज होना चाहिए जिससे यह पता चलता हो कि वह व्यक्ति आर्थिक लाभ के लिए काम करने वाले संगठित अपराध सिंडिकेट का हिस्सा है।

बीड जिले के मसाजोग के सरपंच देशमुख को नौ दिसंबर को कथित तौर पर कुछ लोगों द्वारा पवनचक्की कंपनी से जबरन वसूली के प्रयास का विरोध करने को लेकर अपहृत कर लिया गया था और बाद में उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।

महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मीक कराड को जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

इस बीच, बीड पुलिस ने हत्या के मामले में वांछित आरोपियों सुदर्शन घुले (26), कृष्णा आंधले (30) और सुधीर सांगले (23) के ठिकानों के बारे में जानकारी की मांग को लेकर पोस्टर लगाए हैं। पोस्टर में कहा गया है कि जानकारी देने वाले को उचित इनाम दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने मुंबई में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने बीड से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश धस से बात की, जिन्होंने मांग की कि निकम को मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया जाए।

फडणवीस ने कहा कि उन्होंने निकम से बात की है, जिन्होंने यह तय करने के लिए कुछ दिन मांगे हैं कि वह इस मामले में पैरवी करेंगे या नहीं।

निकम 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों और 1993 के मुंबई बम विस्फोटों सहित कई चर्चित मामलों में विशेष लोक अभियोजक थे।

नागपुर में पत्रकारों के साथ बातचीत में कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने दावा किया कि देशमुख की हत्या और जबरन वसूली के मामलों में शामिल ‘‘बड़ी मछलियों’’ को बचाने के लिए ‘‘छोटी मछलियों’’ को फर्जी मुठभेड़ों में मारा जा सकता है।

महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि मामले की सुनवाई बीड जिले के बाहर होनी चाहिए।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के धनंजय मुंडे जबरन वसूली के मामले में अपने सहयोगी कराड की कथित संलिप्तता के सामने आने के बाद आलोचनाओं के घेरे में आए हैं। उन्होंने कहा कि संतोष देशमुख की हत्या करने वालों के खिलाफ ‘त्वरित सुनवाई अदालत’ में मुकदमा चलाया जाना चाहिए और ‘‘फांसी दी जानी चाहिए।’’

महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री मुंडे से जब निष्पक्ष जांच के लिए उनके इस्तीफे की विपक्ष की मांग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘एक मंत्री के तौर पर मेरी तरफ से कोई प्रभाव नहीं डाला जा सकता, यही वजह है कि जांच सीआईडी ​​को सौंप दी गई है।’’

सरकार ने बुधवार को मामले की जांच के लिए 10 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसका नेतृत्व उपमहानिरीक्षक-सीआईडी ​​बसवराज तेली करेंगे।

भाषा अमित नेत्रपाल

नेत्रपाल



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