पटना, 12 मार्च (भाषा) बिहार में मंदिरों, मठों और ट्रस्टों की संपत्तियों पर अतिक्रमण और बिक्री/खरीद पर रोक लगाने के लिए राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने विधि विभाग से अनुरोध किया है कि वह मंदिरों, मठों और ट्रस्टों की अचल संपत्तियों का रिकॉर्ड अपनी वेबसाइट पर रखने के लिए भी उसे अधिकृत करे।
बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) राज्य में पंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्टों की संपत्तियों का रिकॉर्ड रखता है। बीएसबीआरटी राज्य सरकार के विधि विभाग के अधीन आता है।
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि विभाग ने इस संबंध में विधि विभाग को पत्र लिखा है।
मंत्री ने कहा, ‘हमने विधि विभाग से अनुरोध किया है कि वह राज्य में पंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्टों की अचल संपत्तियों का ब्यौरा रखने और उन्हें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए भी उनके विभाग को अधिकृत करे।
उन्होंने कहा, ‘बीएसबीआरटी द्वारा पंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्टों की अचल संपत्तियों का ब्यौरा अपलोड करने की प्रक्रिया धीमी है…और हमें यह भी पता चला है कि निहित स्वार्थ वाले लोग ऐसी संपत्तियों पर अतिक्रमण और अवैध बिक्री/खरीद में लिप्त रहते हैं। इसलिए, ऐसी संपत्तियों पर अतिक्रमण और अवैध बिक्री/खरीद को तत्काल रोका जाना चाहिए।’
मंत्री ने कहा कि प्रक्रिया में तेजी लाने और अवैध कार्य को रोकने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों को पंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्टों की अचल संपत्तियों का सर्वेक्षण करने और विभाग की अपनी वेबसाइट पर विवरण अपलोड करने में लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अवैध कार्य को रोकने के लिए दोनों विभाग एक-दूसरे के साथ समन्वय कर काम कर सकते हैं।
बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के अनुसार, राज्य में सभी सार्वजनिक मंदिरों/मठों, ट्रस्टों और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
बीएसबीआरटी पंजीकृत मंदिरों/मठों/ट्रस्टों की संपत्तियों की बिक्री/खरीद के अवैध कामों में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता रहा है।
राज्य भर में जिला प्रशासन को पहले ही यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं कि सभी ‘पंजीकृत मंदिरों/मठों’ से संबंधित अचल संपत्तियों का विवरण तुरंत बीएसबीआरटी को उपलब्ध कराया जाए ताकि इसे बीएसबीआरटी की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके।
बीएसबीआरटी द्वारा संकलित नवीनतम आंकड़ों (35 जिलों से प्राप्त) के अनुसार, राज्य में लगभग 2,512 अपंजीकृत मंदिर या मठ हैं और उनके पास 4321.64 एकड़ भूमि है।
राज्य सरकार के विधि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पंजीकृत मंदिरों की कुल संख्या लगभग 2,499 है और उनके पास 18,456 एकड़ से अधिक भूमि है। आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक अपंजीकृत मंदिर/मठ वैशाली (438), कैमूर भभुआ (307), पश्चिमी चंपारण (273), भागलपुर (191), बेगूसराय (185), सारण (154), गया (152) आदि में हैं।
बिहार के कैमूर जिले में 307 अपंजीकृत मंदिरों/मठों के पास करीब 813 एकड़ जमीन है और खगड़िया जिले में 100 अपंजीकृत सार्वजनिक मंदिरों और मठों के पास 722 एकड़ जमीन है। बांका जिले में करीब 332 एकड़ जमीन 78 अपंजीकृत मंदिरों और मठों के पास है।
भाषा
अनवर, रवि कांत रवि कांत