मंत्रिमंडल ने औद्योगिक विकास के लिए बिहार खरीद अधिमानता नीति को मंजूरी दी |

Ankit
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पटना, छह अगस्त (भाषा) बिहार मंत्रिमंडल ने प्रदेश में पहले से स्थापित औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने और स्थापित होने वाली नयी औद्योगिक इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए ‘बिहार खरीद अधिमानता नीति, 2024’ को मंगलवार को मंजूरी दे दी।


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक बाद अपर मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने मंगलवार को बिहार खरीद अधिमानता नीति, 2024 को मंजूरी दे दी है।

उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत बिहार में उत्पादन करने वाली जो कंपनियां और सेवा प्रदाता हैं, उन्हें खरीद और आपूर्ति में अधिमानता देने का निर्णय सरकार ने लिया है।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इस नीति के तहत बिहार में स्थापित कंपनियों को एल-1 (निविंदा में सबसे कम बोली लगाना) के 15 फीसदी की सीमा के भीतर रहने पर 25 प्रतिशत ऑर्डर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में उत्पादन कर रही कंपनियों को सरकारी क्रय में प्राथमिकता मिलेगी और भविष्य में स्थापित होने वाली कंपनियों को भी तरजीह दी जाएगी जिसके तहत एल-1 की 15 फीसदी की सीमा के भीतर रहने पर कंपनियों को 25 प्रतिशत ऑर्डर मिलेंगे।’’

यह प्रस्ताव राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया।

उन्होंने कहा, ‘स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इस नीति का उद्देश्य स्थानीय औद्योगिक इकाइयों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना है, जिसमें बिहार सूक्ष्म एवं लघु उद्यम (एमएसई) और स्टार्टअप पर विशेष ध्यान दिया गया है।’’

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ये उद्योग बिहार में पंजीकृत होने चाहिए और राज्य में उसका कार्यालय होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इकाई को कम से कम एक वर्ष के लिए राज्य में परिचालन करना होगा।

सिद्धार्थ ने कहा कि इकाई के लिए कम से कम एक वर्ष का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करना होगा तथा उसके 50 फीसदी कर्मचारी बिहार से होने चाहिए।

भाषा अनवर खारी जितेंद्र

जितेंद्र



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