ठाणे, 24 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने एक दोषी की अपील स्वीकार कर ली और आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में सत्र अदालत के पहले के आदेश को रद्द करते हुए उसे रिहा करने का निर्देश दिया।
भिवंडी की अदालत ने एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए भास्कर धवालु गावित (40) को दोषी ठहराने और चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाने के ठाणे सत्र अदालत के 2015 के आदेश को रद्द कर दिया है।
भिवंडी सत्र अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एनके करांडे ने कहा कि गावित के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं, इसलिए उन्हें रिहा करने की जरूरत है और उनकी दोषसिद्धि को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
सत्र अदालत के 17 अगस्त के आदेश की प्रति शनिवार को उपलब्ध करायी गयी। अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि गावित का पीड़ित की पत्नी से संबंध था और उसने उसे जान से मारने की धमकी दी थी।
पीड़ित और उसकी पत्नी ने 11 फरवरी 2014 को अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
भाषा संतोष रंजन
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