नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि भाषा लोगों को जोड़ने का माध्यम है और इसलिए यह लोगों को अलग नहीं कर सकती।
धनखड़ ने कहा, ‘‘भाषा हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है और हर भाषा हमें गुणात्मक रूप से प्रभावित करती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण की ओर जाएं, उत्तर की ओर जाएं, पूर्व की ओर जाएं, पश्चिम की ओर जाएं और यह सोच हमें जोड़ती है। जो चीज जोड़ने के लिए होती है, वह हमें अलग नहीं कर सकती।’’
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर चिंतन और काफी मंथन की जरूरत है।
धनखड़ ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। इस कार्यक्रम में सम्राट विक्रमादित्य पर एक नाट्य प्रस्तुति पेश की गई थी।
धनखड़ ने कहा कि जब वह बच्चे थे, तब अंग्रेजी एक ‘‘रैंकिंग विषय’’ थी।
उन्होंने कहा कि आपातकाल के बाद एक ‘‘बड़ा बदलाव’’ हुआ और तत्कालीन सरकार ने अंग्रेजी को ‘‘रैंकिंग विषय’’ के रूप में नहीं रखने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि 2009 में इसके पीछे क्या कारण थे, उन्होंने अपना विचार बदल दिया और अंग्रेजी को अर्हकारी विषय के बजाय ‘रैंकिंग’ विषय बना दिया।’’
उन्होंने संकेत दिया कि इस कदम को अदालत में चुनौती दी गई और याचिकाकर्ताओं की मामले में जीत हुई।
भाषा सिम्मी अविनाश
अविनाश