देहरादून, दो फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र के भारोत्तोलक वैष्णव ठाकुर ने पुरुषों के 102 किग्रा वर्ग में स्नैच रविवार को यहां राष्ट्रीय खेलों में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया, लेकिन उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा क्योंकि कुल भार में उन्हें सेना के जगदीश विश्वकर्मा ने पछाड़ दिया।
जगदीश ने अपना क्लीन-एंड-जर्क प्रयास सिर्फ एक पैर पर खड़े रहकर पूरा किया।
वैष्णव ने स्नैच वर्ग में 160 किग्रा वजन उठाया और 157 किग्रा के पिछले राष्ट्रीय रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया जो कि जगदीश के नाम था। लेकिन 175 किग्रा के खराब क्लीन एवं जर्क प्रयास के कारण वैष्णव कुल भार (335 किग्रा) में दूसरे स्थान पर रहे।
स्नैच में केवल 152 किग्रा वजन उठाने में सफल रहे जगदीश ने क्लीन एवं जर्क में 193 किग्रा वजन उठाकर कुल 345 किग्रा वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता, जबकि हरियाणा के हर्षित सहरावत (329 किग्रा) ने कांस्य पदक जीता।
जगदीश ने पिछली बार तरह इस बार भी अपने क्लीन एवं जर्क प्रयास के बाद अपना बायां पैर उठाया और सेकंड के एक पल के लिए केवल एक पैर पर खड़े रहे। वह हालांकि तब तक वह वजन उठा चुके थे।
राष्ट्रीय खेलों में पदक सिर्फ कुल भार वर्ग पर दिये जाते है।
महिलाओं के 81 किग्रा वर्ग में चंडीगढ़ की वंशिता वर्मा ने कुल 208 किग्रा वजन उठाकर स्वर्ण पदक हासिल किया, उन्होंने स्नैच में 93 किग्रा और क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा वजन सफलतापूर्वक उठाया।
पंजाब के मनप्रीत ने कुल 197 किग्रा (85 किग्रा स्नैच, 112 किग्रा क्लीन एवं जर्क) के साथ रजत पदक जीता, जबकि केरल की अंजना श्रीजीत ने कुल 196 किग्रा के साथ कांस्य पदक जीता।
महिलाओं की 87 किग्रा स्पर्धा में तमिलनाडु की अरोकिया अलीश ने कुल 221 किग्रा वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता, इसके बाद असम की मोधुस्मृता बरुआ ने 208 किग्रा के साथ रजत और कर्नाटक की उषा ने 197 किग्रा के साथ कांस्य पदक जीता।
पुरुषों के 109 किग्रा वर्ग में, राजस्थान के हरचरण सिंह ने दबदबा बनाते हुए स्नैच में 160 किग्रा और क्लीन एवं जर्क में 187 किग्रा वजन उठाकर कुल 347 किग्रा के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया।
मोहम्मद जमीर हुसैन (सेना) ने कुल 337 किग्रा (150 किग्रा स्नैच, 187 किग्रा क्लीन एवं जर्क) के साथ रजत पदक जीता। हरियाणा के मनीष ने क्लीन एवं जर्क में 193 किग्रा का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे और कुल 331 किग्रा वजन उठाकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
भाषा आनन्द नमिता
नमिता