नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस क्षेत्र में 32 लाख करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुई हैं, जिस पर चीजें सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही हैं।
समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ’ शिखर सम्मेलन-2025 में एक सत्र को संबोधित करते हुए जोशी ने कहा कि लगभग 169 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं। 103 गीगावाट सौर और लगभग 50 गीगावाट पवन ऊर्जा क्षमता सहित हरित ऊर्जा क्षमता 223 गीगावाट को पार कर गयी है।
उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक अपतटीय पवन परियोजनाओं का सवाल है, सरकार परियोजनाओं को व्यावहारिक बनाने के लिए वित्तपोषण योजना लायी है।
जोशी ने कहा, ‘‘हम पूरी तरह से सही रास्ते पर हैं… मुझे पूरा विश्वास है कि हम 2030 तक 500 गीगावाट हासिल कर लेंगे और हम पूरी दुनिया में नवीकरणीय ऊर्जा के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक होंगे।’’
मंत्री के अनुसार, घरेलू नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 32 लाख करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं जतायी गयी हैं और इस दिशा में चीजें सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें 32 लाख करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता मिली हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि यह हकीकत रूप लेगा। बैंक भी उत्साहित हैं क्योंकि कोई भी लाभ की उम्मीद करेगा और यहां निवेश करना लाभदायक है।’’
जोशी ने कहा कि हाल ही में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों और प्रबंध निदेशकों तथा प्रमुखों के साथ एक बैठक की गई थी। इसमें उन्हें हरित परियोजना वित्तपोषण के अवसरों के बारे में जानकारी दी गई।
भाषा रमण अजय
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