नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत सभी संबंधित पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद ही मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) को अंतिम रूप दे रहा है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में हुए समझौते के विपरीत, ये समझौते अब निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित हैं।
गोयल ने चेन्नई में तुगलक वार्षिक बैठक में कहा, ‘‘हम पहले की तरह एफटीए नहीं कर रहे हैं। हर समझौता विभिन्न पक्षों के साथ व्यापक परामर्श के बाद हो रहा है।’’
उन्होंने चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के साथ समझौते का हवाला देते हुए कहा कि एफटीए के इतिहास में पहली बार इस समझौते में भारत को 100 अरब अमेरिकी डॉलर एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की प्रतिबद्धता मिली है।
नरेन्द्र मोदी सरकार ने ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के साथ ये समझौते लागू किए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि आरसीईपी (क्षेत्रीय व्यापक भागीदारी समझौता) से बाहर निकलने का भारत का निर्णय राष्ट्रीय हितों की रक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को बताता है।
मंत्री ने कहा, ‘‘यह एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) के हित में नहीं था और इससे देश में चीनी सामान काफी मात्रा में आने लगते। इसीलिए, हमने आरसीईपी में शामिल होने से इनकार कर दिया।’’
निर्यात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश का वस्तु और सेवा निर्यात 2023-24 में 778 अरब डॉलर तक पहुंच गया और इस साल इसके 800 अरब डॉलर के पार कर जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना चालू खाते का घाटा (कैड) अभी भी सकल घरेलू उत्पाद के एक प्रतिशत के आसपास बनाए रखेंगे…।’’
गोयल ने कहा कि सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये हैं और आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माता है।
उन्होंने कहा कि चेन्नई में फॉक्सकॉन अच्छी संख्या में स्मार्टफोन निर्यात कर रही है।
भाषा रमण अजय
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