नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) घरेलू शराब निर्माता भारत में बनी सिंगल माल्ट व्हिस्की के अलग मानक के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से संपर्क करने पर विचार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत में बनी सिंगल माल्ट व्हिस्की की मांग तेजी से बढ़ रही है और इसे कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।
घरेलू शराब निर्माताओं के निकाय भारतीय अल्कोहलिक पेय कंपनियों के परिसंघ (सीआईएबीसी) ने कहा कि भारतीय उत्पादक इस कदम पर चर्चा कर रहे हैं। इससे भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की की शुद्धता और साख को बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसे अब 60 देशों में निर्यात किया जाता है।
भारतीय डिस्टिलर अपनी सिंगल माल्ट व्हिस्की के लिए भौगोलिक संकेतक का दर्जा पाने के लिए भी कदम उठा रहे हैं, जिससे ब्रांड की विश्वसनीयता और मानक बढ़ेंगे।
भारत में बनी सिंगल माल्ट व्हिस्की की बिक्री घरेलू बाजार में दो अंक में बढ़ रही है। हालांकि, उद्योग को छोटे सिंगल माल्ट व्हिस्की ब्रांड के उभरने के चलते चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है।
सीआईएबीसी के महानिदेशक अनंत एस अय्यर ने कहा कि एफएसएसएआई की परिभाषा यह है कि यह माल्ट आधारित होना चाहिए, लेकिन यह सिंगल माल्ट को परिभाषित नहीं करता है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि सिंगल माल्ट व्हिस्की का मतलब है कि यह एक ही डिस्टिलरी से आनी चाहिए, न कि कई डिस्टिलरी से।
अय्यर ने कहा कि जो उचित मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें खुद को भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की होने का दावा करने से रोका जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एफएसएसएआई को भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की पर एक अलग मानक शामिल करने के लिए अपने नियमों में संशोधन करना चाहिए।
भाषा पाण्डेय अजय
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