ठाणे, एक मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 36 वर्षीय बांग्लादेशी महिला को भारत में अवैध रूप से रहने के लिए दोषी करार दिया है और उसे 14 माह 28 दिन के कारावास की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वसुधा एल भोसले ने मामले में 27 फरवरी को फैसला सुनाते हुए यह भी निर्देश दिया कि तानिया यूनुस शेख, जो पहले ही जेल में सजा की अवधि बिता चुकी है, को निर्वासित किया जाए।
मुकदमे के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक आर पी पाटिल ने अदालत को बताया कि शेख बिना वैध पासपोर्ट या वीजा के मुंबई के बाहरी इलाके मीरा रोड (पूर्व) में रह रही थी।
अदालत ने कहा कि विदेशी (नागरिक) अधिनियम के अनुसार, अपनी राष्ट्रीयता साबित करने का दायित्व आरोपी पर है।
न्यायाधीश ने आदेश में कहा, ‘‘आरोपी का भारत में कोई स्थायी या अस्थायी पता नहीं है और वह भारतीय राष्ट्रीयता का कोई वैध प्रमाण देने में विफल रही। उसने खुद पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वह बांग्लादेशी नागरिक है। जांच अधिकारी और शिकायतकर्ता की गवाही पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है।’’
अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलों पर विचार करने के बाद, अदालत ने शेख को 14 माह 18 दिन के कारावास की सजा सुनाई, जो उसने 9 दिसंबर 2023 को अपनी गिरफ्तारी के बाद से पूरी कर ली है तथा उसे निर्वासित करने का आदेश दिया।
इसके अलावा, उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने कहा कि अगर वह जुर्माना नहीं भरती है तो उसे एक महीने की सश्रम कारावास की सजा काटनी होगी।
भाषा सुभाष शफीक
शफीक