भारत में अगले तीन-चार साल में दो अरब डॉलर की बिक्री करने का लक्ष्य: हायर |

Ankit
3 Min Read


ग्रेटर नोएडा, नौ मार्च (भाषा) हायर अप्लायंसेज इंडिया अगले तीन से चार साल में दो अरब डॉलर की बिक्री वाली कंपनी बनने की उम्मीद कर रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसा उत्पाद श्रेणी और बिक्री माध्यमों के विस्तार से प्रेरित उच्च दहाई अंक की वृद्धि के बल पर संभव होगा।


घरेलू उपकरण बनाने वाली कंपनी हायर ने 2024-2028 के बीच नई एसी (एयर कंडीशनर) उत्पादन और इंजेक्शन मोल्डिंग इकाइयां स्थापित करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश निर्धारित किया है। इसने पुणे और ग्रेटर नोएडा में अपने संयंत्रों में अब तक 2,400 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

इस नए संयंत्र के साथ, हायर इंडिया की क्षमता मौजूदा 15 लाख इकाई से बढ़कर 40 लाख इकाई सालाना हो जाएगी, साथ ही घरेलू मूल्य संवर्धन भी बढ़ेगा।

हायर अप्लायंसेज इंडिया के अध्यक्ष एनएस सतीश ने रविवार को पीटीआई-भाषा से कहा, “फिलहाल हमारी क्षमता 15 लाख इकाई है। हालांकि, जिस तरह से यहां एसी बाजार बढ़ रहा है, 2027 तक हमारे पास क्षमता की कमी होगी … नया संयंत्र 25 लाख इकाई का होगा।”

हायर दक्षिण भारत में भी एक संयंत्र लगाने की योजना बना रही है और जल्द ही नियोजित निवेश की घोषणा करेगी।

उन्होंने कोई ब्यौरा दिए बिना कहा कि निवेश राशि “आकार और क्षमता के मामले में नोएडा औद्योगिक पार्क में हमारी वर्तमान स्थिति के समान होगी।”

हायर की आमदनी पिछले साल 36 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगभग 8,900 करोड़ रुपये थी। इसके साथ ही कंपनी एक अरब डॉलर की बिक्री का आंकड़ा पार कर गई।

सतीश को उम्मीद है कि इस साल आमदनी 11,500 करोड़ रुपये को पार कर जाएगी।

उन्होंने कहा, “उसके बाद, हर साल हम 2,000 से 2,500 करोड़ रुपये से ज़्यादा की उम्मीद कर रहे हैं। हमारे पास बड़ी योजनाएं हैं …और हम भारत में एक बड़ा अवसर देखते हैं।”

यह पूछे जाने पर कि हायर अप्लायंसेज इंडिया कब दो अरब डॉलर की कंपनी बन जाएगी, सतीश ने कहा, “अगले तीन से चार साल में, निश्चित रूप से। हम पहले से ही एक अरब डॉलर की कंपनी हैं। मुझे लगता है कि अगले तीन से चार साल में यह निश्चित रूप से दो अरब डॉलर से अधिक हो जाएगी।”

कंपनी को एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, टीवी पैनल और वाणिज्यिक फ्रीजर जैसे क्षेत्रों में भारी अवसर दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि अन्य देशों की तुलना में भारत में इनकी पहुंच बहुत कम है।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *