नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) सेल के चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने शनिवार को कहा कि मजबूत मांग के दम पर भारत 2030 तक 30 करोड़ टन इस्पात उत्पादन क्षमता के लक्ष्य को पार कर सकता है।
प्रकाश ने कहा कि जब भारत की कुल इस्पात उत्पादन क्षमता को 30 करोड़ टन प्रतिवर्ष तक बढ़ाने के लिए 2017 में राष्ट्रीय इस्पात नीति शुरू की गई थी, तब यह आंकड़ा अवास्तविक लग रहा था।
उन्होंने कहा कि भारत में इस्पात उत्पादन क्षमता अगले पांच वर्षों (2030) में 18 करोड़ टन से बढ़कर 33 करोड़ टन हो जाएगी।
सेल चेयरमैन ने कहा, ”2017 में भारत ने एक राष्ट्रीय इस्पात नीति लागू की थी, और हमने कहा था कि 2030 तक हम 30 करोड़ टन तक पहुंचना चाहते हैं। इस्पात विनिर्माताओं के रूप में हमें आश्चर्य हुआ।”
उन्होंने आगे कहा, ”मैं स्वीकार करता हूं कि हमें उस समय भरोसा नहीं हुआ कि भारत में 30 करोड़ टन इस्पात बन सकता है। उस समय हम मुश्किल से आठ करोड़ टन पर थे। हमने कहा कि 2030 तक यह एक मजाक है। लेकिन, तीन महीने पहले हमने बैठकर अपने लक्ष्य को संशोधित किया और कहा कि 2030 तक 30 करोड़ टन नहीं, बल्कि 33 करोड़ टन तक पहुंचा जा सकता है।”
प्रकाश ने कहा कि सेल देश में रेल की मांग को लेकर उत्साहित है और उसने 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर के निवेश से नई रेल मिल स्थापित करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि कंपनी ने अपने सबसे बड़े खरीदार भारतीय रेलवे से किसी ऑर्डर का संकेत नहीं मिलने के बावजूद निवेश योजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार की विकासोन्मुखी नीतियों के चलते उन्हें भरोसा है कि मांग आएगी।
प्रकाश ने कहा, ”पिछले सप्ताह हमने एक मिल में 80 करोड़ डॉलर का निवेश करने का फैसला किया, क्योंकि मुझे भरोसा है कि अगर मैं मिल लगाता हूं तो रेलवे को मुझसे खरीदना पड़ेगा। इसलिए, मैंने ऐसा निर्णय लिया है।”
भाषा राजेश पाण्डेय
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