नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जनवरी में छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। निर्यात में करीब 14 वर्षों में सबसे तेज वृद्धि इसकी मुख्य वजह रही। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।
मौसमी रूप से समायोजित ‘एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक’ (पीएमआई) जनवरी में 57.7 रहा जो दिसंबर में 56.4 था। फरवरी 2011 के बाद से नए निर्यात ऑर्डर में सबसे तेज वृद्धि से इसे समर्थन मिला।
पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है।
एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘ जनवरी में भारत का विनिर्माण पीएमआई छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। घरेलू और निर्यात मांग मजबूत रही, जिससे नए ऑर्डर में वृद्धि को समर्थन मिला।’’
वस्तु उत्पादकों ने नए ऑर्डरों में पर्याप्त वृद्धि का श्रेय बेहतर घरेलू मांग तथा अंतरराष्ट्रीय बिक्री में वृद्धि को दिया।
इसके बाद, भारत में विनिर्माताओं ने उत्पादन की मात्रा को बढ़ाना जारी रखा। यह वृद्धि अक्टूबर 2024 के बाद से सबसे तेज है।
कंपनियां भविष्य में उत्पादन की संभावनाओं को लेकर आशावादी हैं। करीब 32 प्रतिशत कंपनियों ने वृद्धि का अनुमान लगाया तथा केवल एक प्रतिशत ने कमी आने की आशंका जाहिर की है।
कीमतों के मोर्चे पर, लागत दबाव 11 महीनों में सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच गया लेकिन मांग में तेजी के कारण बिक्री मूल्यों में मजबूती से वृद्धि हुई।
एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 विनिर्माताओं के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।
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