भारत की यूपीआई की सफलता को दोहराना चाहता है जमैका: प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस |

Ankit
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नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह डिजिटल भुगतान क्षेत्र में भारत की प्रौद्योगिकी प्रगति का लाभ उठाकर डिजिटल भुगतान में दक्षिण एशियाई देश की सफलता को दोहराना चाहते हैं।


भारत की अपनी पहली यात्रा पर आए होलनेस ने डिजिटल व्यवस्था के ढांचे की जरूरत को समझने के लिए डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (डीआईएफ) के अधिकारियों और नीति-निर्माताओं के साथ बैठक की।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में कहा, ‘‘जमैका ने अपने विकास के विभिन्न लक्ष्यों में से एक डिजिटल समाज बनने का लक्ष्य रखा है। हमने पहले ही अपनी राष्ट्रीय पहचान प्रणाली स्थापित कर ली है जो आपकी आधार प्रणाली के समान है।’’

होलनेस ने कहा, ‘‘उनका देश भारतीय प्रौद्योगिकी विशेषकर सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और ‘यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस’ (यूपीआई) के साथ मजबूत साझेदारी विकसित करने की कोशिश कर रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गोलमेज बैठक इस बात पर चर्चा करने के लिए थी कि भारत का डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा और यूपीआई बुनियादी ढांचा जमैका को डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में कैसे मदद कर सकता है।’’

कैरेबियाई देश के प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में सहयोग और ऑनलाइन भुगतान प्रणाली को जोड़ने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किये गये।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम इसे बहुत जल्दी क्रियान्वित करने में सक्षम होंगे…।’’

होलनेस ने अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत एक अद्भुत और विविधतापूर्ण के साथ एकीकृत और बहुत नवीन देश है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत बहुत अच्छा काम कर रहा है और जमैका इन क्षेत्रों में भारत को भागीदार बनाना चाहता है।’’

भारत को ‘दुनिया की फार्मेसी’ बताते हुए उन्होंने कहा कि जमैका स्वास्थ्य सेवा, औषधि, कृषि, सुरक्षा और रक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना चाहता है।

दोनों पक्षों ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल होने के लिए भी समझौता किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ये ऊर्जा सुरक्षा, ऊर्जा दक्षता और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे हैं। ये तीनों ऐसे मुद्दे हैं जिनका जमैका और भारत जैसे देशों को सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में भारत के साथ मिलकर काम करना बहुत उपयोगी होगा।’’

दोनों देशों में क्रिकेट के प्रति जुनून के बीच प्रधानमंत्री ने दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट राष्ट्र के साथ अधिक सहयोग की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि भारत कैरेबियाई देश में क्रिकेट के क्षेत्र में गौरव को वापस लाने में मदद कर सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बात एथलेटिक्स के लिए भी सही है। इसीलिए हमने खेलों पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं, हम आपके धावकों को तैयार करने में मदद के लिए भारत के साथ सहयोग करेंगे।’’

भाषा रमण अजय

अजय



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