भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था में सिंगापुर को दिख रहे हैं अवसर: ली सीन लूंग |

Ankit
3 Min Read


सिंगापुर, 12 जनवरी (भाषा) सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग ने कहा है कि भारत आगे बढ़ रहा है और सिंगापुर को दक्षिण एशिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले इस देश के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के कई अवसर दिखाई दे रहे हैं।


ली ने शनिवार को भारतीय व्यापारिक समुदाय को संबोधित करते हुए यह बात कही। बीस वर्षों तक देश के प्रधानमंत्री रहे ली ने कहा,‘‘ भारत आगे बढ़ रहा है। सिंगापुर की भारत में छवि अच्छी है और भारत की विभिन्न सरकारों के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध रहे हैं।’’

‘स्ट्रेट्स टाइम्स’ ने अपनी एक खबर में ली के हवाले से कहा कि सिंगापुर और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार, कौशल प्रशिक्षण और फिनटेक जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के कई अवसर हैं और साथ ही स्वास्थ्य, डिजिटल समेत कई क्षेत्रों में भी सहयोग के अवसर तलाशे जा सकते हैं।

उन्होंने भारतीय व्यापार समुदाय से इन अवसरों का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया।

ली ने लगभग दो दशक पुराने सिंगापुर-भारत मुक्त व्यापार समझौते ‘व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते’ (सीईसीए) के महत्व का भी उल्लेख किया, जिसने दोनों देशों के बीच व्यापक व्यापार, निवेश और यात्रा संबंधों को बढ़ावा देने में मदद की है।

उन्होंने यह भी कहा कि सिंगापुर अपनी जनसंख्या और प्रतिभा को बढ़ाने के लिए प्रवासियों और विदेशी कर्मियों पर बहुत अधिक निर्भर है।

दरअसल स्थानीय लोगों ने प्रवासी और विदेशी कामगारों के साथ-साथ निवेशकों और पेशेवरों की बढ़ती संख्या का मुद्दा उठाया है – जिनमें भारत से आए लोग भी शामिल हैं। हालांकि इन ‘नए आने वालों’ को समृद्धि लाने तथा आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

सिंगापुर भारतीय विकास संघ और 14 अन्य भारतीय सामुदायिक संगठनों द्वारा आयोजित रात्रिभोज में अपने भाषण में ली ने कहा, ‘‘ लेकिन हमें स्वदेशीवाद और विदेशियों के प्रति द्वेष के खिलाफ भी दृढ़ता से खड़ा होना चाहिए, तथा हमारे विस्तारित परिवार का हिस्सा बनने के लिए नव आगंतुकों का स्वागत करना चाहिए।’’

सिंगापुर की आबादी साठ लाख है जिसमें नौ प्रतिशत आबादी भारतीय मूल के लोगों की है।

भाषा शोभना जोहेब

जोहेब



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *