भारत का गैर-जीवन बीमा उद्योग 2025 में दर्ज कर सकता है दोहरे अंकों की वृद्धि

Ankit
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कोलकाता, दो जनवरी (भाषा) देश में सामान्य बीमा की पहुंच स्थिर रहने के बावजूद गैर-जीवन बीमा कंपनियों को अनुकूल नियामकीय माहौल और विशिष्ट ग्राहक जरूरतों को पूरा करने वाले नवोन्मेषी उत्पादों की पेशकश के साथ 2025 में दोहरे अंक की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। हितधारकों ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।


गैर-जीवन बीमा दुर्घटनावश नुकसान की स्थिति में बीमाधारक को धन मुहैया कराकर मौद्रिक रूप से सुरक्षा प्रदान करता है। अग्नि, समुद्री, मोटर, स्वास्थ्य बीमा, घर, कारखाना, दुकान, यात्रा और देयता बीमा आदि इसके उदाहरण हैं।

एक शीर्ष निजी बीमा कंपनी ने कहा कि यदि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से राहत और ‘मोटर थर्ड पार्टी’ दरों पर पुनर्विचार के मामले में उद्योग को उसके अनुकूल परिणाम मिले तो उद्योग इस अपेक्षा को पूरा कर सकेगा।

फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनूप राऊ ने कहा, ‘‘ स्वास्थ्य बीमा आने वाले वर्षों में वृद्धि को गति देना जारी रखेगा, ‘गैर-मोटर’ तथा गैर-स्वास्थ्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विस्तार होने की संभावना है, जैसे पालतू पशु का बीमा, देयता, पेशेवर क्षतिपूर्ति और आवास बीमा।’’

‘गैर-मोटर’ में परियोजना कार्यों, सामग्रियों, उपकरणों और मशीनों का व्यापक खतरों जैसे आग, टूट-फूट, क्षति, चोरी, भूस्खलन, बाढ़, वर्षा, भूकंप और ज्वालामुखी आदि से हुए नुकसान का बीमा शामिल है।

उन्होंने कहा,‘‘ उद्योग में 14 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर का अनुमान है और इसमें महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिलेगी क्योंकि यह क्षेत्र प्रगति में एक सच्चे भागीदार के रूप में उभरेगा, डिजिटल ढांचे को एकीकृत करेगा, बेहद-व्यक्तिगत समाधान प्रदान करेगा तथा उभरते जोखिमों को कम करने के लिए डेटा की क्षमता का इस्तेमाल करेगा।’’

एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनुज त्यागी ने बीमा को किफायती और सुलभ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम उत्पाद विकास, बीमा और ग्राहक सेवा में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं जो न केवल शहरी क्षेत्रों के नागरिकों तक बल्कि छोटे तथा मझौले स्थानों के नागरिकों तक भी बीमा की पहुंच को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’’

बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी तपन सिंघल ने कहा कि बीमा उद्योग परिवर्तनकारी दौर से गुजरने के लिए तैयार है, जिसमें डिजिटल नवाचार द्वारा संचालित व्यक्तिगत तथा सक्रिय पेशकशों पर जोर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ आपदा प्रबंधन के लिए पैरामीट्रिक बीमा और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में पारंपरिक बैंक गारंटी के विकल्प के रूप में जमानत बॉण्ड को अपनाने के साथ-साथ साइबर बीमा को भी प्रमुखता मिलने की उम्मीद है।’’

भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरेडा) की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, गैर-जीवन उद्योग में बीमा 2022-23 में 22 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 25 अमेरिकी डॉलर हो गया है।

वहीं पुनर्बीमा क्षेत्र की स्विजरलैंड स्थित कंपनी ‘रे’ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बीमा क्षेत्र की वृद्धि जी-20 देशों में सबसे तेजी से होने का अनुमान है। 2024 और 2028 के बीच कुल प्रीमियम में औसतन 7.1 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है जबकि वैश्विक औसत 2.4 प्रतिशत है।

भाषा निहारिका नरेश

नरेश



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