पणजी, 22 मार्च (भाषा) गोवा तट से लगभग 80 समुद्री मील की दूरी पर भारतीय और फ्रांसीसी नौसेनाओं के बीच 23 वां द्विपक्षीय युद्धाभ्यास ‘वरुण’ शनिवार को संपन्न हुआ, जिसके बाद फ्रांसीसी विमानवाहक पोत ‘चार्ल्स डी गॉल’ और आईएनएस विक्रांत ने बेड़ा समीक्षा की।
इसमें दोनों नौसेनाओं को सतह के नीचे और ऊपर युद्ध क्षेत्र में आपस में सहयोग करते हुए देखा गया। भारतीय पनडुब्बियों और मिग 29के और राफेल जैसे विमानों के बीच परस्पर समन्वय नजर आया।
फ्रांसीसी विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल और आईएनएस विक्रांत द्वारा बेड़े की समीक्षा शाम चार बजे की गई। अभ्यास के समापन से पहले दोनों नौसेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात पर चर्चा की कि उद्देश्यों को हासिल करने में यह अभ्यास कितना सफल रहा।
चार्ल्स डी गॉल के ‘कमांडिंग ऑफिसर’ कैप्टन जॉर्जेस एंटोनी फ्लोरेंटिन और ‘फ्रांसीसी स्ट्राइक ग्रुप’ के प्रमुख रियर एडमिरल जैक्स मैलार्ड ने विमानवाहक पोत पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इसका उद्देश्य परस्पर-संचालन क्षमता में सुधार के लिए मिलकर काम करना है।
वरुण 19 मार्च को शुरू हुआ था जिसमें सतह के नीचे, सतह और वायु क्षेत्रों में समुद्री अभ्यास और जटिल युद्धाभ्यासों की एक रोमांचक श्रृंखला थी। इस अभ्यास में विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत और चार्ल्स डी गॉल के साथ-साथ लड़ाकू विमान, विध्वंसक, फ्रिगेट और एक भारतीय स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी की संयुक्त भागीदारी थी।
भाषा राजकुमार माधव
माधव