नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) भारत और नौ अफ्रीकी देशों ने रविवार को तंजानिया के दारेस्लाम में छह दिवसीय विशाल नौसैनिक अभ्यास शुरू किया। इससे समुद्री क्षेत्र में साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होकर काम करने के उनके दीर्घकालिक दृष्टिकोण का संकेत मिलता है।
भारत द्वारा शुरू किया गया यह अभ्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए दृष्टिकोण के व्यापक ढांचे के तहत हो रहा है, जिसे ‘महासागर’ या ‘वैश्विक दक्षिण के साथ जुड़ाव के लिए क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति’ कहा जाता है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने पिछले महीने मारीशस में की थी।
अधिकारियों ने बताया कि प्रथम ‘एआईकेईवाईएमई’ या अफ्रीका-भारत प्रमुख समुद्री सहभागिता अभ्यास के सह-मेजबान भारतीय नौसेना और तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स हैं।
उन्होंने बताया कि इस युद्धाभ्यास के उद्घाटन समारोह में भारतीय नौसेना प्रमुख दिनेश के त्रिपाठी, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और तंजानिया के रक्षा मंत्री स्टर्गोमेना लॉरेंस टैक्स शामिल हुए।
अधिकारियों ने बताया कि भारत और अफ्रीका सूचना के आदान-प्रदान और निगरानी के माध्यम से समुद्री सुरक्षा खतरों जैसे समुद्री डकैती, तस्करी सहित अवैध गतिविधियों और अनियमित एवं अप्रतिबंधित मछली पकड़ने से निपटने में सहयोग कर रहे हैं।
अधिकारियों ने हालांकि, कहा कि ‘एआईकेईवाईएमई’ युद्धाभ्यास से वर्तमान सहयोग में और विस्तार होने की संभावना है।
भारतीय नौसेना द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, उद्घाटन समारोह में 50 सदस्यीय गार्ड की परेड और भारतीय नौसेना बैंड के उत्साहवर्धक प्रदर्शन ने समुद्री सहयोग की भावना को दर्शाया।
सेठ ने इस मौके पर अपने संबोधन में अफ्रीकी कहावत का उल्लेख किया, ‘‘ यदि आप तेजी से जाना चाहते हैं, तो अकेले जाएं; यदि आप दूर तक जाना चाहते हैं, तो साथ चलें।’’ उन्होंने समुद्री सुरक्षा में स्थायी साझेदारी की आवश्यकता को रेखांकित किया।
अधिकारियों ने बताया कि इस युद्धाभ्यास में सह-मेजबानों के अलावा कोमोरोस, जिबूती, इरिट्रिया, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स और दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हो रहे हैं।
भाषा धीरज दिलीप
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