यरूशलम, एक फरवरी (भाषा) गैर-सरकारी संगठन ‘शारका’ के महात्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘भारत-इजराइल मैत्री परियोजना’ (आईआईएमपी) के तहत इस सप्ताह भारत से बुद्धिजीवियों, प्रभावशाली व्यक्तियों, पेशेवरों और शिक्षाविदों के एक प्रतिनिधिमंडल इजराइल का दौरा किया।
शारका के अध्यक्ष और सह-संस्थापक अमित डेरी ने कहा ‘‘हम भारतीय प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं। ये लोग भारतीय सभ्यता की महान विविधता और प्रतिभा का प्रतिनिधित्व करते हैं। इजराइल-भारत संबंधों में अपार संभावनाएं हैं और इस यात्रा पर उन्हें जो ज्ञान और अनुभव प्राप्त किया वह हमारे संबंधों के भविष्य की नींव रखेगा।’’
शारका के कार्यकारी निदेशक डैन फेफरमैन ने कहा, ‘‘हम भारत के इस प्रतिनिधिमंडल की इजराइल में मेजबानी करके उत्साहित हैं। इसमें मुस्लिम, हिंदू और ईसाई सभी धर्मों के लोग हैं। भारतीयों का इजराइल के प्रति लगाव है हमारा भी उनके प्रति लगाव है लेकिन हमारे समाज एक-दूसरे से बहुत अधिक परिचित नहीं हैं और यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ रिश्ते को और मजबूत बनाने का अवसर प्रस्तुत करता है।’’
प्रतिनिधियों की छह दिवसीय यात्रा 31 जनवरी को समाप्त हो गई और इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने येरुशलम के पवित्र स्थलों का दौरा किया, विशेषज्ञों और विविध समुदाय के नेताओं से मुलाकात की, इजराइली अरबों के साथ बातचीत की और स्थानीय शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों से संपर्क किया।
प्रसिद्ध लेखक, शिक्षक एवं प्रभावशाली व्यक्ति डॉ. मकरंद आर. परांजपे ने 31 जनवरी को संपन्न छह दिवसीय यात्रा पर ‘पीटीआई’ से कहा ‘‘इस असाधारण यात्रा के दौरान हमने न केवल इजराइल या हमास के साथ उसके वर्तमान संघर्ष के बारे में बहुत कुछ सीखा, बल्कि भारत-इजराइल मित्रता और सहयोग की असीम संभावनाओं के बारे में भी जाना।’’
शारका अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ‘‘साझेदारी’’। यह एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी संगठन है जिसे शांति को बढ़ावा देने के लिए अरब जगत और इजराइल के सामाजिक उद्यमियों ने स्थापित किया है।
भाषा शोभना प्रशांत
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