भारत, अमेरिका प्रस्तावित व्यापार समझौते में तेजी लाने को इच्छुक

Ankit
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नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) भारत और अमेरिका दोनों ही प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए बातचीत में तेजी लाने को इच्छुक हैं और दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार को गति देने पर गौर कर रहे हैं। एक अधिकारी ने यह बात कही है।


प्रस्तावित समझौते के लिए बातचीत का उपयोग अमेरिका के जवाबी शुल्क से निपटने के लिए किया जा सकता है, ताकि उन्हें द्विपक्षीय रूप से रद्द या निपटाया जा सके।

अधिकारी ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) इन शुल्क को खत्म करने, रद्द करने या द्विपक्षीय रूप से निपटाने के लिए एक मार्ग के रूप में कार्य कर सकता है।

इस साल नौ अप्रैल से भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 27 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने के अमेरिका के फैसले के मद्देनजर वार्ता में तेजी लाने की उत्सुकता सामने आई है।

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय बीटीए के शीघ्र समापन के लिए भारतीय और अमेरिकी अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है… हम इन मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन के संपर्क में हैं और आने वाले दिनों में इसमें प्रगति की उम्मीद कर रहे हैं।’’

इस समझौते के माध्यम से, दोनों देश अपने उत्पादों के लिए बाजार पहुंच बढ़ाने, शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच की अध्यक्षता में अमेरिकी अधिकारियों की एक टीम पिछले महीने प्रस्तावित समझौते की रूपरेखा और नियम शर्तों को अंतिम रूप देने के लिए यहां आई थी। इसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा के 191 अरब डॉलर से दोगुना से अधिक कर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।

हालांकि, दोनों पक्षों ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन व्यापार समझौते के लिए बातचीत की जटिल प्रकृति इसको लंबा खींच सकती है।

अधिकारी ने कहा कि भारत एकमात्र देश है जहां ट्रंप-प्रशासन ने व्यापार वार्ता के लिए अपनी टीम भेजी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत नौ अप्रैल से अमेरिका द्वारा घोषित अतिरिक्त 27 प्रतिशत आयात शुल्क का सामना करने में सक्षम होगा।

अधिकारी ने कहा, ‘‘बीटीए पर बातचीत जारी है, हम ऐसे क्षेत्र में हैं जहां हमें इन शुल्क को लेकर बहुत चिंतित नहीं होना चाहिए।’’

भाषा रमण अजय

अजय



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