भारत अंतरिक्ष से अद्भुत दिखता है, अपने पिता की जन्मभूमि पर जरूर जाऊंगी: सुनीता विलियम्स |

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(योषिता सिंह)


न्यूयॉर्क, एक अप्रैल (भाषा) नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने कहा भारत अंतरिक्ष से अद्भुत दिखता है।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि वह अपने ‘‘पिता की जन्मभूमि’’ जाएंगी और वहां के लोगों के साथ अंतरिक्ष खोज के बारे में अपने अनुभव साझा करेंगी।

सोमवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान सुनीता ने यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि जब वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में थीं तो वहां से भारत कैसा दिखता था और अंतरिक्ष खोज पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ उनके सहयोग की कोई संभावना है?

इस पर उन्होंने कहा, ‘‘भारत अद्भुत है। मैं आपको बताना चाहूंगी कि हम जब भी हिमालय के ऊपर से गुजरे तो बुच ने हिमालय की कुछ अविश्वसनीय तस्वीरें लीं। बेहद अद्भुत है।’’

सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर ने ‘स्पेसएक्स क्रू-9’ मिशन के तहत पृथ्वी पर लौटने के कुछ दिनों बाद अपने पहले संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। ये दोनों नौ माह से अधिक समय तक अंतरिक्ष में फंसे रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आशा और यकीन है कि मैं अपने पिता के देश (भारत) जाऊंगी और लोगों से मिलूंगी तथा अंतरिक्ष के बारे में अपने अनुभव साझा करूंगी। ‘एक्सिओम मिशन’ पर जा रहे भारतीय नागरिक शानदार हैं।’’

उन्होंने ये टिप्पणी ‘एक्सिओम मिशन 4’ (एक्स-4) वाणिज्यिक अंतरिक्ष यात्री मिशन का जिक्र करते हुए कीं, जिसमें भारत के मिशन पायलट शुभांशु शुक्ला भी शामिल होंगे।

लखनऊ में जन्मे शुक्ला, 1984 में अंतरिक्ष में जाने वाले भारतीय वायुसेना के पूर्व अधिकारी राकेश शर्मा के बाद भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘उनके पास वहां अपने देश का हीरो होगा जो इस बारे में बात कर सकेगा कि उनके दृष्टिकोण से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन कितना अद्भुत है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि मैं किसी समय उनसे मिल पाऊंगी और हम भारत में जितना संभव हो सके उतने लोगों के साथ अपने अनुभव साझा कर सकेंगे, क्योंकि यह एक महान देश है, एक अद्भुत लोकतंत्र है, जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने वाले देशों में अपना पैर जमाने की कोशिश कर रहा है और हम इसका हिस्सा बनना तथा उनकी मदद करना पसंद करेंगे।’’

सुनीता के पिता दीपक पंड्या गुजरात से थे और 1958 में अमेरिका आए थे। उन्होंने क्लीवलैंड, ओहायो में मेडिसिन में इंटर्नशिप और रेजीडेंसी ट्रेनिंग की।

सुनीता का जन्म ओहायो में दीपक और उर्सुलाइन बोनी पंड्या के घर हुआ था।

जब विल्मोर ने सुनीता से पूछा कि क्या वह अपने क्रू (चालक दल) सदस्यों को भारत की यात्रा पर अपने साथ ले जाने की योजना बना रही है, तो उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया ‘‘बिल्कुल। हम आपको मसालेदार भोजन खिलाएंगे, अच्छा रहेगा।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुनीता और उनके साथी क्रू-9 सदस्यों का अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लंबे मिशन के बाद पृथ्वी पर लौटने पर स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि उनका अटूट दृढ़ संकल्प हमेशा लाखों लोगों को प्रेरित करेगा।

मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आपका स्वागत है, क्रू9! धरती को आपकी याद आई।’’

नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता, निक हेग और विल्मोर तथा रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्सांद्र गोरबुनोव, 18 मार्च को ‘स्पेसएक्स’ के ड्रैगन अंतरिक्ष यान से पृथ्वी पर वापस लौटे, जो फ्लोरिडा के तल्हासी तट के पास समुद्र में उतरा।

भाषा खारी सिम्मी सुरभि

सुरभि



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