कोलकाता, 11 फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। चटर्जी वर्तमान में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) से जुड़े भर्ती घोटाले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं।
महतो ने एसएससी को भंग करने की भी मांग की और आरोप लगाया कि यह संस्थागत भ्रष्टाचार में लिप्त है।
भाजपा नेता ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), केंद्रीय गृह मंत्रालय और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को पत्र लिखकर चटर्जी की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
महतो ने अपने पत्र में चटर्जी की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की, खासकर पूर्व मंत्री को सरकारी एसएसकेएम अस्पताल से निजी अस्पताल में स्थानांतरित किए जाने के बाद।
जेल में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद चटर्जी को 20 जनवरी को एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष अदालत ने 28 जनवरी को उन्हें निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी थी।
महतो ने अपने पत्र का हवाला देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने पार्थ चटर्जी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को पत्र लिखा है। राज्य सरकार द्वारा संचालित एसएसकेएम अस्पताल अब उनके लिए सुरक्षित जगह नहीं रहा। मुझे विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि जब मामला अपने नतीजे पर पहुंचने वाला है, तो तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पार्थ चटर्जी को स्थायी रूप से हटाने और उन्हें हमेशा के लिए चुप कराने की कोशिश कर रही है।’’
चटर्जी जुलाई 2022 में एसएससी घोटाले में गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में हैं।
महतो ने एसएससी को भंग करने की भी मांग की है। उन्होंने दावा किया कि संस्थागत भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता के कारण यह एक ‘‘विफल संस्था’’ है।
भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘एसएससी के भीतर भ्रष्टाचार संस्थागत है और यह महत्वपूर्ण है कि योग्य अभ्यर्थियों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के वास्ते आयोग को भंग कर दिया जाए।’’
पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने आरोपों को निराधार और अज्ञानता का नतीजा बताया।
बनर्जी ने कहा, ‘‘उनके (महतो) जैसे व्यक्ति से और क्या उम्मीद की जा सकती है? क्या एसएससी को खत्म किया जा सकता है? यदि पार्थ चटर्जी को सुरक्षा की जरूरत है, तो केंद्रीय एजेंसियों को उन्हें सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए।’’
भाषा देवेंद्र पारुल
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