भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अन्य नेताओं को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से मिलने से रोका गया

Ankit
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गोंडा (उप्र), पांच अगस्त (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने सोमवार को यहां सर्किट हाउस पहुंचे भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैभव सिंह, ब्लॉक प्रमुखों और नगर पंचायत अध्यक्षों समेत कुछ पार्टी पदाधिकारियों को पुलिस ने परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया।


इससे पुलिस और वहां मौजूद भाजपा नेताओं के बीच विवाद हो गया। स्थिति से नाराज वैभव सिंह वापस लौट गए, जबकि पार्टी पदाधिकारी सोनी सिंह सर्किट हाउस के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गईं।

बाद में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इसे ‘‘गलतफहमी’’ बताते हुए हस्तक्षेप किया, जिसके बाद पार्टी के कुछ नेताओं ने आदित्यनाथ से मुलाकात की।

एक बयान में कहा गया कि आदित्यनाथ गोंडा में थे, जहां उन्होंने सोमवार को 13 विभागों द्वारा किए जा रहे जनहित कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की।

आदित्यनाथ ने यहां वनटांगिया गांव को राजस्व ग्राम घोषित करते हुए सभी ग्राम वासियों को योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ देने को कहा।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री से भेंट करने पहुंचे वैभव सिंह समेत पार्टी के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारियों को पुलिस ने सर्किट हाउस परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया। इसे लेकर नेताओं और पुलिस में विवाद हुआ।

वैभव ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं का तो प्रशासन और न ही माननीय सम्मान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम जिला प्रशासन के इस कृत्य की घोर निंदा करते हैं।’’

जिला उपाध्यक्ष नीरज मौर्य ने कहा कि संगठन के बिना सरकार नहीं चल सकती।

भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष विद्या भूषण द्विवेदी ने कहा कि जिला स्तरीय पदाधिकारियों को भी मुख्यमंत्री से प्रशासन नहीं मिलने दे रहा है। बाद में विधायक विनय कुमार द्विवेदी व अजय कुमार सिंह ने पार्टी पदाधिकारियों को समझा बुझाकर मनाया।

जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पार्टी द्वारा जिला प्रशासन को सौंपी गई वरिष्ठ पदाधिकारियों की सूची को लेकर कुछ गलतफहमी हो गई थी। बाद में कई पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री से मिलने का मौका मिला।

इस बीच, मुख्यमंत्री ने जनहित से जुड़े 13 विभागों के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान देवीपाटन मंडल के चारों जिलों के तहत आने वाले क्षेत्रों के सांसद और विधायक अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद रहे।

इस दौरान मंडल के अन्य जिलों के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े थे। मुख्यमंत्री द्वारा बाढ़ नियंत्रण, गौशाला, पंचायती राज, आवास, राजस्व व बेसिक व माध्यमिक विभाग समेत कुल 13 विभागों की महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बाढ़ राहत सामग्री वितरण में बिल्कुल लापरवाही ना हो तथा पीड़ितों को पर्याप्त राहत सामग्री प्रदान की जाए।

भाषा सं जफर नोमान शफीक

शफीक



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