भाजपा नेता ने ‘शुद्धिकरण’ के लिए मंदिर में गंगाजल छिड़का, गहलोत ने ‘घृणित कृत्य’ बताया |

Ankit
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जयपुर, सात अप्रैल (भाषा) राजस्थान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ज्ञानदेव आहूजा ने सोमवार को अलवर के एक राम मंदिर में गंगाजल छिड़ककर ‘शुद्धिकरण’ किया जहां एक दिन पहले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस के नेता टीकाराम जूली शामिल हुए थे।


कांग्रेस नेताओं ने आहूजा के इस कृत्य के लिए उन पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आहूजा के इस कृत्य को दलितों के प्रति भाजपा की दुर्भावना का नमूना बताया है। प्रदेश कांग्रेस ने मंगलवार को जिला स्तर पर इसके विरोध में ‘पुतला दहन’ करने की घोषणा की है।

हालांकि, आहूजा ने अपने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं को ऐसे समारोहों में शामिल होने का कोई ‘नैतिक अधिकार’ नहीं है, क्योंकि उनके पार्टी आलाकमान ने भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था और पिछले साल अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का ‘बहिष्कार’ किया था। उन्होंने दावा किया कि उनके कृत्य में “दलित” वाला कोई मामला नहीं था।

अलवर की एक आवासीय सोसायटी में बने राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह रविवार को रामनवमी के अवसर पर हुआ। इसमें नेता प्रतिपक्ष जूली भी शामिल हुए थे।

आहूजा ने सोमवार को कहा,‘‘प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बहुत बड़ा हुआ लेकिन उसमें थोड़ी ‘विसंगति’ रह गई। उन लोगों को भी बुलाया गया जिन लोगों ने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को चुनौती दी।’’

उन्होंने कहा,‘‘कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताते हुए न्यायालय में हलफनामा दाखिल करवाया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया। इसलिए पार्टी नेताओं को ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।’’

उन्होंने कहा,‘‘(अलवर में) यह भगवान श्रीराम का मंदिर है। इनके चरणों में अभी मैंने गंगाजल छिड़का है। गंगाजल छिड़ककर पवित्र करते हुए मैंने पूजन किया है क्योंकि मैं कल नहीं आया था। गंगाजल से पवित्र इसलिए किया क्योंकि अपवित्र लोग आ गए थे।’’

हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।

इस बीच, कांग्रेस नेताओं ने आहूजा के इस कृत्य की आलोचना करते हुए इसे दलित विरोधी मानसिकता करार दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा नेता की आलोचना करते हुए कहा,‘‘भाजपा नेता आहूजा द्वारा नेता प्रतिपक्ष जूली के मंदिर जाने के बाद गंगाजल छिड़कने की घटना दलितों के प्रति भाजपा की दुर्भावना को दर्शाती है। 21वीं सदी में ऐसी संकीर्ण मानसिकता एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है। इसकी जितने कड़े शब्दों में निंदा की जाए वह कम है।’’

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘ क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अपने वरिष्ठ नेता के इस व्यवहार से सहमत हैं? क्या इस घृणित कृत्य के लिए भाजपा अपने नेता पर कार्रवाई करेगी?’’

जूली ने भी आहूजा के बयान पर पलटवार किया।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘ भाजपा के वरिष्ठ नेता आहूजा का बयान भाजपा की दलितों के प्रति मानसिकता का परिचायक है। मैंने विधानसभा में दलितों की आवाज उठाते हुए छुआछूत के विरुद्ध अभियान चलाने की बात कही थी पर भाजपा की मानसिकता यह है कि वह मेरे दलित होने के कारण मंदिर जाने पर गंगाजल से मंदिर धुलवाने की बात कह रहे हैं। यह न सिर्फ मेरी व्यक्तिगत आस्था पर हमला है बल्कि अस्पृश्यता जैसे अपराध को बढ़ावा देने वाला बयान है।’’

उन्होंने लिखा,‘‘क्या भाजपा दलितों से इतनी नफरत करती है कि हमें पूजा पाठ करते भी नहीं देख सकती है? क्या भगवान पर केवल भाजपा नेताओं का अधिकार हो गया है?’’

जूली ने कहा,‘‘मुख्यमंत्री जी एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे दलितों के मंदिर जाने पर गंगाजल से मंदिर धुलवाने के बयान का समर्थन करते हैं?’’

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधायक हरीश चौधरी, शिखा मील व अभिमन्यु पूनिया सहित तमाम नेताओं ने भी आहूजा की आलोचना की है।

कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा, ”भाजपा नेता द्वारा दलित विरोधी मानसिकता के तहत नेता प्रतिपक्ष जूली के विरुद्ध की गई निम्न स्तरीय टिप्पणी के विरोध में कल मंगलवार दोपहर एक बजे सभी जिला कांग्रेस कमेटी पर्ची सरकार का पुतला जलाकर प्रदर्शन करेंगे।”

दलित नेता जूली अलवर (ग्रामीण) सीट से कांग्रेस विधायक हैं, जबकि आहूजा अलवर के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक हैं।

भाषा

पृथ्वी, रवि कांत

रवि कांत



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