भाजपा धर्म और जाति के नाम पर लोगों को लड़ाने के एजेंडे पर काम कर रही है :कांग्रेस नेता राम जूली

Ankit
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जयपुर, 13 अप्रैल (भाषा) राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर धर्म और जाति के नाम पर लोगों को लड़ाने के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए रविवार को दावा किया कि एक मंदिर के ‘‘शुद्धिकरण’’ के लिए निलंबित सत्तारूढ़ पार्टी के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को जल्द ही बहाल कर दिया जाएगा।


आहूजा ने राजस्थान के अलवर में पिछले सप्ताह राम मंदिर के ‘‘शुद्धिकरण’’ के लिए मंदिर में गंगा जल छिड़का था। इससे एक दिन पहले कांग्रेस के टीकाराम जूली ने मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लिया था। जूली समेत कांग्रेस नेताओं ने इस कृत्य की निंदा करते हुए इसे दलित का अपमान बताया।

हालांकि, आहूजा ने अपने कृत्य का बचाव करते हुए कहा था कि उनके कृत्य में कोई जातिगत पहलू नहीं है।

उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेताओं को ऐसे समारोहों में शामिल होने का ‘कोई नैतिक अधिकार’ नहीं है, क्योंकि पार्टी के नेतृत्व ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था और अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का पिछले साल ‘बहिष्कार’ किया था।

भाजपा ने आहूजा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था।

कांग्रेस नेता जूली ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा को पहले भी भाजपा से निलंबित किया गया था और उन्हें फिर से बहाल कर दिया गया था।

जूली ने कहा कि ‘‘इस बार भी ऐसा ही होगा… जनता सब समझती है।’’

जूली ने अजमेर जिले के किशनगढ़ में संवाददाताओं से बातचीत में ‘‘भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को कभी धर्म के नाम पर, तो कभी जाति के नाम पर लड़ाना ही उनका एजेंडा है।’

रविवार को जयपुर से अजमेर जाते समय नेता प्रतिपक्ष कुछ देर के लिए किशनगढ़ में रुके।

उन्होंने किशनगढ़ विधायक डॉ. विकास चौधरी के साथ राजकीय यज्ञ नारायण अस्पताल के ‘ब्लड बैंक’ में आयोजित रक्तदान शिविर में भाग लिया।

जूली ने आहूजा के कदम का जिक्र करते हुए कहा कि न तो मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और न ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने इस बारे में एक शब्द कहा।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘आहूजा का निलंबन महज दिखावा है। इसे भी वापस लिया जाएगा।’

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ ने पहले कहा था कि पार्टी आहूजा के बयान और कार्रवाई का समर्थन नहीं करती।

जूली ने कहा कि चाहे मदन दिलावर का आदिवासियों का डीएनए टेस्ट करवाने का बयान हो या ज्ञानदेव आहूजा का मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करने का कृत्य, इन सबका एक तय एजेंडा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान की भाजपा सरकार बार-बार बिजली और पानी के बिल बढ़ाने की बात कर रही है और पेंशन भुगतान रोक रही है।

जूली ने बीकानेर के नूरसर में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर पर कालिख पोते जाने की घटना की निंदा करते हुए राज्य सरकार से मामले में तुरंत संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है।

नेता प्रतिपक्ष ने ‘एक्स’ पर लिखा ‘‘यह अपमान है, यह अत्याचार है, यह असहनीय है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ़ कालिख नहीं, दलितों की अस्मिता और संविधान पर गहरा आघात है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा ‘‘नूरसर (बीकानेर) में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती से एक दिन पहले उनकी प्रतिमा पर कालिख पोते जाने की घटना अत्यंत निंदनीय और पीड़ादायक है। मैं इस शर्मनाक कृत्य की कठोर शब्दों में निंदा करता हूं।’’

जूली ने कहा, ‘‘बाबा साहेब सिर्फ़ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि करोड़ों दलितों, वंचितों एवं शोषितों की उम्मीद और आवाज़ हैं। उनकी प्रतिमा पर हमला एक प्रतिमा पर नहीं, बल्कि उस संविधान पर (हमला) है जिसने हमें समानता, समता और न्याय का अधिकार दिया।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में महापुरुषों का लगातार अपमान हो रहा है और यह चिंताजनक ही नहीं, बल्कि असहनीय है तथा इस प्रकार की घटनाएं न केवल समाज को विभाजित करने का प्रयास हैं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक नींव पर भी हमला हैं।

बाद में जूली अजमेर पहुंचे, जहां उन्होंने अजमेर दरगाह शरीफ में जियारत की और देश और प्रदेश की खुशहाली के लिए दुआ मांगी।

उन्होंने कहा, ‘इंसानियत और संविधान धर्म से ऊपर है और यही बाबा साहेब की सोच भी थी।’

उन्होंने भाजपा के संविधान गौरव अभियान पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आज भाजपा ‘संविधान गौरव अभियान’ चला रही है, लेकिन यह अभियान महज दिखावा है। यह उन लोगों का नाटक है, जो न तो संविधान के मूल्यों में विश्वास करते हैं और न ही बाबा साहेब के विचारों में। संविधान निर्माता की प्रतिमा पर स्याही पोत दी जाए और सत्ताधारी दल की ओर से खेद का एक शब्द भी न निकले, तो यह अभियान महज छलावा है।’

उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘आज ‘संविधान गौरव अभियान’ चलाया जा रहा है, लेकिन दूसरी ओर बाबा साहेब की प्रतिमाओं का अपमान किया जा रहा है, उर्दू स्कूल बंद किए जा रहे हैं और मंदिरों में दलितों के प्रवेश पर चुप्पी है। यह संविधान की आत्मा के साथ धोखा है।’

भाषा कुंज सिम्मी

सिम्मी



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