जबलपुर: Mahakumbh 2025: प्रयागराज में हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ हमेशा से एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। इस बार का महाकुंभ खासतौर पर इस कारण भी चर्चा में है कि 144 साल बाद एक ऐसा दुर्लभ शुभ संयोग बना है, जो भविष्य में शायद फिर न बने। इस संयोग के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु, सिर्फ भारत से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए आ रहे हैं।
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Mahakumbh 2025: हालांकि, मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की जान गई, लेकिन इस दुखद घटना के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। उनके मन में सनातन धर्म के प्रति आस्था और विश्वास मजबूत है, और इसका परिणाम यह है कि अभी भी बड़ी संख्या में लोग महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। जबलपुर से प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है, जो इस बात का प्रमाण है कि महाकुंभ के प्रति लोगों की श्रद्धा और विश्वास में कोई कमी नहीं आई है। यह महाकुंभ न केवल धार्मिक महत्व का होता है, बल्कि समाज और संस्कृति के मिलन का भी प्रतीक है।
महाकुंभ का आयोजन कहां-कहां होता है?
महाकुंभ हर 12 साल में चार प्रमुख धार्मिक शहरों में आयोजित होता है: प्रयागराज, हरिद्वार, नाशिक और उज्जैन। इन चारों स्थानों पर विशेष धार्मिक स्नान आयोजित होते हैं।
प्रयागराज में महाकुंभ के इस बार के आयोजन में क्या विशेष है?
इस बार के महाकुंभ में 144 साल बाद ऐसा शुभ संयोग बना है, जो भविष्य में शायद फिर न बने। इस कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु, देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं।
मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में क्या घटना घटी थी?
मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई। इसके बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ और वे महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं।
महाकुंभ में श्रद्धालु किस स्थान पर स्नान करने जाते हैं?
महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर स्नान करने जाते हैं, जो प्रयागराज में गंगा, यमुन और सरस्वती नदियों के संगम स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
प्रयागराज से महाकुंभ के लिए आने वाले श्रद्धालु कैसे पहुंचते हैं?
जबलपुर जैसे शहरों से प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में महाकुंभ के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यात्रा कर रहे हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि लोग महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए बड़ी श्रद्धा के साथ आ रहे हैं।