ब्रिटेन के विदेश मंत्री |

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(अदिति खन्ना)


लंदन, 28 दिसंबर (भाषा) ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के साहसिक आर्थिक सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि यह एक ऐसी विरासत है जो आधुनिक भारत को आकार दे रही है।

पूर्व प्रधानमंत्री को सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए लैमी ने भारत और ब्रिटेन के बीच ‘‘समृद्ध’’ द्विपक्षीय साझेदारी की नींव रखने का श्रेय भी सिंह को दिया। लैमी ने शुक्रवार शाम ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘डॉ. मनमोहन सिंह के साहसिक आर्थिक सुधारों ने भारत की अर्थव्यवस्था को बदल दिया।’’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘उनकी विरासत आधुनिक भारत को आकार दे रही है, और उनके दृष्टिकोण ने आज की ब्रिटेन-भारत साझेदारी की नींव रखी। उनके परिवार और भारतीय लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।’’

भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था। वह 92 साल के थे। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर किया गया।

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरन ने सोशल मीडिया पर पूर्व प्रधानमंत्री और वैश्विक राजनेता को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने साहसिक आर्थिक सुधारों के माध्यम से भारत के हितों को आगे बढ़ाया और भारत को विश्व मंच पर उचित स्थान पर लाने तथा वित्तीय संकट के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन को हमेशा तीन ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों के साथ मनमोहन सिंह की अमूल्य साझेदारी पर गर्व रहेगा और हमारे दो महान विश्वविद्यालयों के पूर्व छात्र के रूप में उन पर गर्व रहेगा। मेरी संवेदनाएं और शुभकामनाएं उनके परिवार और भारत के लोगों के साथ हैं।’’

सिंह के दो कार्यकाल के दौरान ब्रिटेन में तीन प्रधानमंत्री हुए। इनमें लेबर पार्टी से टोनी ब्लेयर और गॉर्डन ब्राउन तथा कंजर्वेटिव पार्टी से डेविड कैमरन। कैमरन ने अपने संस्मरण में सिंह को ‘‘संत व्यक्ति’’ बताते हुए कहा कि उनके साथ ‘‘बहुत अच्छा तालमेल’’ था।

‘द गार्डियन’ अखबार ने अपने श्रद्धांजलि लेख में सिंह की ‘‘खास आसमानी नीली पगड़ी और सफेद कुर्ते-पाजामा पोशाक’’ का उल्लेख किया है।

अखबार ने लिखा है, ‘‘सिंह को उनके संकोची स्वभाव और पर्दे के पीछे रहने की वजह से भारत का ‘अनिच्छुक प्रधानमंत्री’ कहा जाता था। उन्हें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व करने के लिए एक असंभावित विकल्प माना जाता था। लेकिन जब कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने 2004 में अपनी पार्टी को आश्चर्यजनक जीत दिलाई, तो उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए सिंह की ओर रुख किया।’’

‘बीबीसी’ ने अपने श्रद्धांजलि लेख में सिंह को भारत में सबसे लंबे समय तक कार्यरत प्रधानमंत्रियों में से एक बताया, जिन्हें 2004-2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में और उससे पहले वित्त मंत्री के रूप में ‘‘प्रमुख उदार आर्थिक सुधारों का वास्तुकार’’ माना जाता है।

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश



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