‘बैकलॉग’ सरकारी नौकरियों की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने कहा: ‘सुक्खू मामा मानदा नहीं’

Ankit
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शिमला, सात अप्रैल (भाषाा) हिमाचल प्रदेश सरकार के खिलाफ सोमवार को दृष्टिहीन लोगों के एक समूह ने सड़कों पर उतरकर मांग की कि दृष्टि दिव्यांग लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में लंबित पदों को भरा जाए।

प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही संजौली-छोटा शिमला मार्ग को अवरुद्ध कर धरना दिया और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को निशाना बनाया तथा उनके खिलाफ नारेबाजी की।

मौके पर प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए कहा, ‘‘सुक्खू मामा मानदा नहीं, राजनीति कुछ जानता नहीं, जंगली मुर्गा किसने खाया, सुक्खू ने खाया, समोसा का भूखा कौन है, सुक्खू है। समोसे की इनक्वायरी (जांच) किसने करवायी, सुक्खू ने कराई।’’

सोमवार को धरने पर बैठे हिमाचल दृष्टि दिव्यांग संघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हम लंबे समय से दृष्टि बाधित लोगों के लिए बैकलॉग पदों को भरने की मांग कर रहे हैं और पिछले कुछ दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

उन्होंने कहा कि 1995 से इन पदों पर कोई भर्ती नहीं की गई है और मांग की कि नौकरियों के लिए लंबे समय से लंबित बैकलॉग कोटे पर भी विचार किया जाना चाहिए।

जंगली मुर्गी और ‘समोसा’ की घटनाओं को लेकर उठे विवाद के कारण विपक्षी भाजपा ने भी सुक्खू की आलोचना की है।

एक रात्रिभोज कार्यक्रम के दौरान अपने सहयोगियों को ‘‘जंगली मुर्गा’’ (एक लुप्तप्राय प्रजाति) – खाने के लिए प्रोत्साहित करने के आरोप में भाजपा ने मुख्यमंत्री की आलोचना की थी।

भाषा रंजन सुरेश

सुरेश


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