मुंबई, 11 मार्च (भाषा) भारत में हर तीन में दो बैंक ग्राहकों का मानना है कि बैंकों को धोखाधड़ी के शिकार लोगों का पैसा लौटाना चाहिए। आधे से अधिक उपभोक्ता चाहते हैं कि वित्तीय संस्थान उनकी सुरक्षा के लिए बेहतर प्रणाली लागू करें।
अमेरिका स्थित वैश्विक एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर कंपनी एफआईसीओ की सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
सर्वेक्षण 2024 में आयोजित किया गया था, जिसमें भारत सहित 14 देशों के 11,000 बैंक उपभोक्ताओं से भुगतान उपयोग, धोखाधड़ी और उनके बैंकों की घोटाला प्रबंधन क्षमताओं के बारे में पूछा गया था।
एफआईसीओ की रिपोर्ट में पाया गया कि एक-तिहाई से अधिक (37 प्रतिशत) उपभोक्ता धोखाधड़ी का शिकार होने पर बैंकों को जिम्मेदार ठहराते हैं।
रिपोर्ट कहती है, ‘‘2024 धोखाधड़ी प्रभाव सर्वेक्षण: भारत’’ से पता चलता है कि तीन में से दो भारतीय उपभोक्ता (66 प्रतिशत) सोचते हैं कि बैंकों को हमेशा धोखाधड़ी के पीड़ितों को प्रतिपूर्ति करनी चाहिए।’’
सर्वेक्षण में आधे से अधिक उपभोक्ताओं ने कहा कि बैंकों को धोखाधड़ी का पता लगाने और इस संबंध में अधिक चेतावनी जारी करने के इंतजाम करने चाहिए।
भाषा पाण्डेय अजय
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