बेंगलुरु में वैश्विक संगीत महोत्सव में प्रस्तुति देंगे ‘सबसे तेज’ वायलिन वादक मुहम्मद यिलदिरिर

Ankit
3 Min Read


बेंगलुरु, तीन जनवरी (भाषा) बॉलीवुड के अपने गीतों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देने वालीं पार्श्व गायिका कविता कृष्णमूर्ति का मानना है कि लक्ष्मीनारायण वैश्विक संगीत महोत्सव के लिए गायन की वजह से उनकी प्रतिभा में निखार आया और वह जमीन से जुड़ी रहीं।


कृष्णमूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘बॉलीवुड बहुत महान है। इसने मुझे सब कुछ दिया है। लोग मुझे बॉलीवुड के लिए गाए गीतों की वजह से जानते हैं और मैं बॉलीवुड पार्श्व गायिका कहलाना पसंद करती हूं। लेकिन साथ ही, मैं इस तथ्य को भी स्वीकार करती हूं कि मैं बॉलीवुड में रहते हुए कुछ चीजें नहीं सीख सकी और मुझे लगता है कि उन चीजों को न सीख पाने की वजह से ही मैं आज भी खुद को संगीत की छात्रा महसूस करती हूं।”

“मिस्टर इंडिया” और “हम दिल दे चुके सनम” जैसी फिल्मों में सुपरहिट गीत गा चुकीं कृष्णमूर्ति ने कहा कि यदि उनके पति वायलिन वादक एल. सुब्रमण्यम और लक्ष्मीनारायण वैश्विक संगीत महोत्सव नहीं होते तो यह संभव नहीं होता।

महोत्सव के 33वें संस्करण के तहत चार जनवरी को बेंगलुरु के चौदिया हॉल में एक निशुल्क संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कृष्णमूर्ति और उनके पति ने कहा कि इस साल के महोत्सव का मुख्य आकर्षण दुनिया के सबसे तेज वायलिन वादक, तुर्की के मुहम्मद यिलदिरिर हैं।

तकनीकी रूप से, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में ‘दुनिया के सबसे तेज वायलिन वादक’ का रिकॉर्ड ब्रिटेन के बेन ली के नाम है, जिन्होंने 14 नवंबर, 2010 को निकोलाई रिमस्की-कोर्साकोव का प्रसिद्ध इंटरल्यूड ‘फ्लाइट ऑफ द बम्बलबी’ 58.515 सेकंड में प्ले किया था। गिनीज रिकॉर्ड्स ने निर्णय लेने में तकनीकी कठिनाइयों के कारण उस श्रेणी को हटा दिया। लेकिन लगभग नौ साल पहले, यिलदिरिर ने एक लाइव कॉन्सर्ट में, जो यूट्यूब पर भी उपलब्ध है, उसी इंटरल्यूड को 37.84 सेकंड में प्ले किया था।

सुब्रमण्यम ने कहा, इस साल का महोत्सव विशेष है, क्योंकि इस साल उनके संगीत एल्बम ‘कन्वर्सेशन’ के 40 वर्ष पूरे होने वाले हैं।

एल. सुब्रमण्यम ने अपने पिता और गुरु, वायलिन वादक वी. लक्ष्मीनारायण की स्मृति में 1992 में इस महोत्सव की शुरुआत की थी।

सुब्रमण्यम ने कहा, ‘उस समय महोत्सव में दो लाख लोग आए। शुरुआत में, हमें चिंता थी कि क्या वे बैठकर संगीत सुनेंगे। लेकिन हमें शानदार प्रतिक्रिया मिली। कभी-कभी हमें आश्चर्य होता है कि जब हम ऐसे कलाकारों को लाते हैं जिन्हें लोगों ने कभी नहीं देखा है, फिर भी उन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार मि‍‍लता है।”

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *