नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) बीते सप्ताह सरसों की खाली पाइपलाइन के बीच बड़ी तेल पेराई मिलों द्वारा इसका स्टॉक जमा करने के लिए हाजिर बाजार में दाम तोड़ने से सरसों तेल-तिलहन तथा सोयाबीन सीड (तिलहन) का दाम टूटने से सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम गिरावट दर्शाते बंद हुए। दूसरी ओर, आवक घटने एवं मांग बढ़ने से मूंगफली तेल-तिलहन, विदेशों में दाम बढ़ने से पाम एवं पामोलीन तेल तथा सस्ते दाम पर लिवाली बढ़ने से बिनौला तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सरसों का कोई स्टॉक किसी के पास नहीं बचा है और पाइपलाइन खाली है जिसे देखते हुए देश की बड़ी तेल मिलें किसानों से सस्ते में खरीद कर स्टॉक जमा करने के लिए हाजिर दाम तोड़ रही हैं। इस वजह से देखा जा रहा है कि सुबह के कारोबार में दाम टूटने के बाद शाम को दाम बार फिर सुधर जाते हैं।
उन्होंने कहा कि गत दो-तीन दिन से मंडियों में सरसों की आवक घटी है क्योंकि किसानों को जल्द ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने की उम्मीद है। बीते सप्ताह सोमवार, मंगलवार को सरसों की आवक मंडियों में 12-12.25 लाख बोरी की थी जो शनिवार को घटकर लगभग आठ लाख बोरी रह गई। अब किसान एमएसपी से कम दाम पर बेचने को कतई राजी नहीं दिखते। इस बार सरसों का उत्पादन कम है और स्टॉक खाली हो गया है। जहां बड़ी तेल मिलें सरसों के हाजिर दाम तोड़ने में लगी हैं वहीं दिल्ली की नजफगढ मंडी में, जहां ज्यादातर छोटी तेल मिलें सरसों खरीदती हैं, सरसों के दाम में 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़त देखी गई। बड़ी तेल मिलों द्वारा सरसों के हाजिर दाम तोड़े जाने के बीच समीक्षाधीन सप्ताह में सरसों तेल-तिलहन के दाम में गिरावट दर्ज हुई।
उन्होंने कहा कि पैसों की तंगी और बैंकों में अपना ऋण साख-पत्र (एलओसी) चलाते रहने के मकसद से आयातक सोयाबीन तेल बगैर किसी लाभ के बेच रहे हैं। इसके अलावा सोयाबीन सीड का दाम टूटने की वजह से मुख्यत: सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट आई।
दूसरी ओर, किसानों के पास अब मूंगफली का अधिक स्टॉक नहीं रह गया है। एमएसपी से 14-15 प्रतिशत के नीचे दाम पर किसान अब अपनी उपज को बेचने से कतराने लगे हैं। ऐसे में बीते समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान मंडियों में आवक घटने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम सुधार के साथ बंद हुए।
सूत्रों ने कहा कि विदेशों में 1,190-1,195 डॉलर प्रति टन वाले सीपीओ का दाम बीते सप्ताह सुधरकर 1,205-1,210 डॉलर प्रति टन हो गया। विदेशों में दाम में आये इस सुधार के कारण बीते सप्ताह सीपीओ और पामोलीन कीमतों में सुधार दर्ज हुआ। हालंकि, आयातकों को सीपीओ का आयात करने में 4-5 रुपये किलो का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पहले से ऊंचा दाम होने की वजह से लिवाल नहीं होने के कारण आयातकों को आयात की लागत से नीचे दाम पर इस तेल को बेचना पड़ता है।
सूत्रों ने कहा कि कम उत्पादन के कारण बिनौला सीड की कमी का सामना कर रहे उत्तर भारत के हरियाणा, पंजाब की तेल मिलों को महाराष्ट्र से बिनौला सीड खरीदना पड़ रहा है। पिछले महीने बिनौला सीड का खरीद भाव 3,600 रुपये था जो बीते सप्ताह बढ़कर 4,200 रुपये क्विंटल हो गया। इस वृद्धि के कारण बीते समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल के दाम में भी सुधार दर्ज हुआ। कपास की अधिकांश फसल बाजार में खप चुकी है और लगभग 16-17 प्रतिशत फसल ही बची है जो मजबूत किसानों के पास है। कपास नरमा का वह 8,000 रुपये क्विंटल का भाव मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 150 रुपये की गिरावट के साथ 6,110-6,210 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का थोक भाव 325 रुपये की गिरावट के साथ 13,325 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 20-20 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 2,350-2,450 रुपये और 2,350-2,475 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव भी क्रमश: 75-75 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 4,150-4,200 रुपये और 3,850-3,900 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी तरह, सोयाबीन दिल्ली एवं सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 275 रुपये, 275 रुपये और 300 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 13,925 रुपये, 13,575 रुपये और 9,825 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
दूसरी ओर, समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तिलहन का भाव 25 रुपये के सुधार के साथ 5,700-6,025 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं, मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 50 रुपये और 15 रुपये के सुधार के साथ 14,450 रुपये और 2,240-2,540 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का दाम 50 रुपये के सुधार के साथ 13,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 25 रुपये की तेजी के साथ 14,825 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 25 रुपये सुधार के साथ 13,725 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
तेजी के आम रुख के अनुरूप, सबसे सस्ता होने की वजह से मांग बढ़ने के कारण समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल 50 रुपये के सुधार के साथ 13,750 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
भाषा राजेश
अजय
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