नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) दूरसंचार कंपनियों का समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बीते वित्त वर्ष 2023-24 में 8.24 प्रतिशत बढ़कर 2.7 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
एजीआर के आधार पर सरकार स्पेक्ट्रम और लाइसेंस शुल्क जुटाती है। वित्त वर्ष 2022-23 में दूरसंचार कंपनियों का एजीआर 2.49 लाख करोड़ रुपये रहा था।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की बुधवार को जारी प्रदर्शन संकेतक रिपोर्ट (2023-24) के अनुसार, रिलायंस जियो का एजीआर 9.62 प्रतिशत बढ़कर सबसे ज्यादा 97.86 हजार करोड़ रुपये रहा। यह इससे पिछले साल 89.27 करोड़ रुपये था।
भारती एयरटेल का एजीआर 12.12 प्रतिशत बढ़कर 80.52 हजार करोड़ रुपये हो गया है। वोडाफोन आइडिया (वीआई) का एजीआर 29,605 करोड़ रुपये, सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल का एजीआर 8,019 करोड़ रुपये, टाटा का एजीआर 2,533 करोड़ रुपये, एमटीएनएल का एजीआर 610 करोड़ रुपये और रिलायंस कम्युनिकेशंस का एजीआर 185.26 करोड़ रुपये रहा है।
लाइसेंस शुल्क के रूप में सरकार की राजस्व हिस्सेदारी 19,954 करोड़ रुपये से 8.45 प्रतिशत बढ़कर 21,642 करोड़ रुपये हो गई।
हालांकि, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क से संग्रह वित्त वर्ष 2023-24 में 32.2 प्रतिशत घटकर 3,369 करोड़ रुपये रह गया, जो 2022-23 में 4,968 करोड़ रुपये था।
भाषा अनुराग अजय
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