मुंबई, 24 मार्च (भाषा) अर्थव्यवस्था में कुल निवेश में निजी पूंजीगत व्यय की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर दशक के निचले स्तर 33 प्रतिशत पर आ गई है।
घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा की सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, निजी कंपनियों में से गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश सूचीबद्ध कंपनियों की तुलना में कम रहा।
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से सरकार निवेश को बढ़ावा दे रही है, जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की अनुपस्थिति तथा समग्र आर्थिक गतिविधियों पर इसके प्रभाव को लेकर चिंताएं उत्पन्न हो रही हैं।
निजी क्षेत्र ने नई सुविधाओं में निवेश करने के बजाय ऋण बोझ को कम करने के लिए अतिरिक्त नकदी का इस्तेमाल करने पर ध्यान दिया है। साथ ही उच्च क्षमता उपयोग पर काम करने का विकल्प चुना जा रहा है।
एजेंसी के मुख्य रेटिंग अधिकारी के रविचंद्रन ने कहा, ‘‘ कमजोर घरेलू खपत-विशेष रूप से शहरी, सुस्त निर्यात मांग और कुछ क्षेत्रों में सस्ते चीनी आयात के प्रवाह ने भारतीय कॉरपोरेट जगत की क्षमता विस्तार योजनाओं को सीमित कर दिया है।’’
रेटिंग एजेंसी के अनुसार, सूचीबद्ध कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022-23 में अपने पूंजीगत व्यय में 28 प्रतिशत और 2023-24 में 12 प्रतिशत की वृद्धि की। दूसरी ओर गैर-सूचीबद्ध कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023-24 में संकुचन का अनुभव किया, जिससे समग्र निजी पूंजीगत व्यय वृद्धि में गिरावट आई।
भाषा निहारिका अजय
अजय