कोलकाता, आठ जनवरी (भाषा) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बुधवार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर वर्चस्व बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और कहा कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ हाल के मतभेदों को ‘फ्लैग मीटिंग’ के जरिये सुलझाया जाएगा।
बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर कांटेदार तार की बाड़ लगाने का काम बीजीबी की आपत्ति पर अस्थायी रूप से रोक दिया गया था और इसके बाद यह कार्य शांतिपूर्ण ढंग से फिर से शुरू हो गया है।
बीएसएफ की पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रवि गांधी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘क्षेत्रीय वर्चस्व कायम है और बीएसएफ मुस्तैदी से सीमाओं की रक्षा कर रही है। समय-समय पर जमीनी स्तर पर मतभेद होते हैं, लेकिन उन मुद्दों को ‘फ्लैग मीटिंग’ में सुलझा लिया जाएगा।’’
मालदा के कालियाचक-तृतीय ब्लॉक के सुकदेवपुर इलाके में बाड़ लगाने का काम सोमवार को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था, क्योंकि बीजीबी ने दावा किया था कि यह काम बांग्लादेशी क्षेत्र में किया जा रहा है। हालांकि, इस मुद्दे को बातचीत के जरिये सुलझा लिया गया और मंगलवार को बिना किसी रुकावट के काम फिर से शुरू हो गया।
एडीजी गांधी ने मंगलवार को कहा, ‘‘बाड़ लगाने का काम अब बिना किसी समस्या के जारी है। बीजीबी जवानों और कमांडरों के बीच जमीनी स्तर पर गलतफहमी दूर हो गई है।’’
बीएसएफ ने बांग्लादेशी मीडिया में आई उन खबरों को पूरी तरह निराधार बताया, जिनमें आरोप लगाया गया था कि बीजीबी ने अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर भारतीय भूमि के पांच किलोमीटर के हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है।
बीएसएफ के एक बयान में कहा गया है, ‘‘संबंधित क्षेत्र भारतीय सीमा में उत्तर 24 परगना जिले के बागदा ब्लॉक के रणघाट गांव में है।’’
बीएसएफ ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय सीमा कोडालिया नदी के किनारे है, जिसे दोनों ओर संदर्भ स्तंभों द्वारा सीमांकित किया गया है। बीएसएफ का ड्यूटी पैटर्न दशकों से अपरिवर्तित रहा है।’
बीएसएफ ने उन दावों का भी खंडन किया कि बीजीबी कर्मियों ने मोटर चालित नौकाओं और एटीवी का उपयोग करके क्षेत्र में 24 घंटे गश्त शुरू कर दी है।
भाषा यासिर सुरेश
सुरेश