हैदराबाद, 27 अक्टूबर (भाषा)तेलंगाना पुलिस ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी.रामाराव के कथित रिश्तेदार के फार्महाउस पर छापेमारी कर पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ कोकीन का सेवन करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। यह कार्रवाई वहां आयोजित पार्टी में व्यक्ति की जांच रिपोर्ट पॉजिटीव आने पर की गई।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राव के रिश्तेदार राज पकाला अपने फार्महाउस पर छापेमारी के बाद से फरार हैं।
इस घटना को लेकर तेलंगाना में राजनीतिक पारा चढ़ गया है और सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं ने मामले की गहन जांच की मांग की है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने आरोप लगाया कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार कानून लागू करने का सिर्फ ‘ढोंग’ कर रही है, लेकिन वास्तव में ‘‘बीआरएस के बड़े नेताओं को बचा रही है।’’
बीआरएस ने हालांकि आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, रामा राव उर्फ केटीआर को झूठे मामले में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी ने दावा किया कि आवास को फार्महाउस के रूप में प्रदर्शित करना दुर्भावनापूर्ण इरादे को दर्शाता है।
बीआरएस ने कहा कि केटीआर के रिश्तेदार राज पकाला ने अपने परिवार के सदस्यों के लिए अपने नए घर में पार्टी का आयोजन किया था। पार्टी ने पुलिस और आबकारी अधिकारियों पर बिना किसी वारंट के घर की तलाशी लेने और उनके परिवार के सदस्यों को पार्टी में ‘शामिल होने वाले’ बताकर परेशान करने का आरोप लगाया।
बीआरएस ने कहा, ‘‘क्योंकि केटीआर कांग्रेस सरकार की विफलताओं और भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे हैं, इसलिए भाजपा और कांग्रेस उनके खिलाफ साजिश रच रही हैं…रेवंत रेड्डी, कांग्रेस और भाजपा नेता केटीआर सिंड्रोम, केटीआर फोबिया से पीड़ित हैं।’’
पार्टी ने कहा कि रेवंत रेड्डी चुनावी वादों को पूरा करने में ‘‘विफल’’ रहे और उन्होंने ध्यान भटकाने की राजनीति की। उसने आरोप लगाया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ‘‘ईर्ष्या’’ के कारण केटीआर पर व्यक्तिगत आरोप लगा रहे हैं।
बीआरएस ने आरोप लगाया कि रेवंत रेड्डी और बंडी संजय कुमार के बीच ‘मैच फिक्सिंग’ है। उन्होंने कुमार , रेवंत रेड्डी पर अन्य भाजपा नेताओं को केटीआर के खिलाफ बोलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया।
रामाराव की पार्टी ने कहा कि वह इसका कानूनी तरीके से मुकाबला करेगी।
बीआरएस ने इस आरोप से भी इनकार किया कि घर में मादक पदार्थ और तय मात्रा से अधिक विदेशी शराब मिली है।
पुलिस की छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए बीआरएस नेता श्रवण दासोजू ने एक विज्ञप्ति में इसे दुष्प्रचार करार दिया तथा एक निजी पारिवारिक समारोह को ‘रेव पार्टी’ करार देने तथा ‘‘निराधार आरोपों और राजनीति से प्रेरित कार्यों’’ की निंदा की।
इस बीच, यहां रायदुर्गम में कुछ बीआरएस नेताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया, क्योंकि उन्होंने यह आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया कि पुलिस उनके नेताओं के घरों में ‘‘बिना तलाशी वारंट’’ के घुस रही है।
पुलिस के मुताबिक उसे सूचना मिली थी कि जनवाड़ा स्थित फार्महाउस में आयोजित पार्टी में ‘‘अनधिकृत रूप से मादक पदार्थ और शराब’’ परोसी जा रही है जिसके बाद साइबराबाद पुलिस और आबकारी अधिकारियों की एक टीम ने 26 और 27 अक्टूबर की दरमियानी रात वहां छापा मारा और पाया कि पार्टी में 21 पुरुष और 14 महिलाएं शामिल थीं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पार्टी में शामिल सभी पुरुषों का मादक पदार्थ परीक्षण किया गया और एक व्यक्ति के कोकीन का सेवन करने की पुष्टि हुई जिसके बाद उसके खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
पुलिस ने बताया कि पकाला ने पार्टी की मेजबानी की थी और शराब परोसने के लिए आबकारी विभाग से लाइसेंस नहीं लिया था, इसलिए आबकारी कार्य बल ने आबकारी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसके अलावा तेलंगाना गेमिंग अधिनियम के तहत भी उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
फार्महाउस के स्वामित्व के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह उनका (राज पकाला का) है, लेकिन स्वामित्व के विवरण का सत्यापन किया जाना है।
भाजपा नेता संजय कुमार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा,‘‘जनवाड़ा फार्महाउस पर छापा तो बस बानगी है। कांग्रेस सरकार को एक दूसरे के हितों की रक्षा करने के लिए इस मामले को कमजोर नहीं करना चाहिए। यह स्पष्ट हो रहा है कि कांग्रेस और बीआरएस एक दूसरे के हितों की रक्षा करते हुए ‘आपसी लेनदेन ’ का खेल खेल रहे हैं।’’
भाषा धीरज नरेश
नरेश