नालंदा (बिहार), 28 अगस्त (भाषा) बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बुधवार को नालंदा स्थित नव नालंदा महाविहार विश्वविद्यालय में ‘गुरु पद्मसंभव के जीवन और विरासत की खोज’ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
राज्यपाल आर्लेकर ने अपने संबोधन में भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को विश्व स्तर पर फैलाने में गुरु पद्मसंभव की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने पद्मसंभव की शिक्षाओं को अपनाने और भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर तथा अहिंसा और शांति के उनके संदेश को फैलाने के महत्व पर बल दिया।
यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी), नयी दिल्ली द्वारा नव नालंदा महाविहार के सहयोग से आयोजित किया गया है।
इस कार्यक्रम में लुम्बिनी विकास ट्रस्ट के उपाध्यक्ष खेंपो चिमद और भूटान के केंद्रीय मठ निकाय के रॉयल भूटान मंदिर के सचिव/मुख्य भिक्षु खेंपो उग्येन नामग्याल सहित कई गणमान्य अतिथि शामिल हुए।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘भगवान बुद्ध के बाद गुरु पद्मसंभव ने भगवान बुद्ध के विचारों को पूरे विश्व में प्रचारित-प्रसारित करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अब हमें उनकी शिक्षाओं और विचारों को आत्मसात करते हुए भावी पीढ़ी के बीच ले जाना है।’’
राज्यपाल ने कहा कि अहिंसा और शांति का संदेश पूरे विश्व में फैलाया जाना चाहिए और उनके सिद्धांतों का हमें प्रचार करना होगा।
इस अवसर पर ‘‘भारत से थाईलैंड तक पवित्र अवशेषों की पवित्र यात्रा’’ नामक एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
भाषा अनवर शोभना
शोभना