इटावा, 12 अप्रैल (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा दिया हुआ संविधान सभी गरीबों खासकर बहुजन समाज के पीड़ित, शोषित और वंचित लोगों के लिए समय-समय पर कवच बनकर काम करता है।
इटावा जिले के विकासखंड महेवा के परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्थापित आदमकद प्रतिमा के समीप बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की आदमकद कुर्सी पर विराजमान प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर प्रहार किया और संविधान की रक्षा के लिए पीडीए का आह्वान किया।
उन्होंने यह भी कहा कि अब तक संविधान ने ही पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को बचाया था और अब संविधान को बचाने की जिम्मेदारी पीडीए की है।
यादव ने कहा, ‘यह संविधान हमारी नींव है, यह कर्म ग्रंथ है। जो लोग अपने मन मुताबिक काम करना चाहते हैं, उनसे हम कहेंगे कि देश संविधान के मुताबिक चलेगा। इसके लिए हम आज संकल्प भी लेते हैं। अगर संविधान कमजोर हुआ तो हमारा लोकतंत्र कमजोर होगा। और जब लोकतंत्र कमजोर होगा तो तानाशाही आएगी।’
आंबेडकर की तारीफ करते हुए सपा प्रमुख ने कहा, ”बाबा साहब भीमराव से बड़ा कोई विद्वान, अर्थशास्त्री और समाज सुधारक नहीं हुआ। वे संविधान बनाने में सफल रहे, क्योंकि उन्होंने जीवन भर भेदभाव देखा था। हजारों साल से चली आ रही बुराई खत्म नहीं हुई, आज भी समाज में ऐसे लोग हैं, जो इसे बढ़ावा देते हैं। एक व्यक्ति की दूसरे के प्रति इस तरह की नफरत सिर्फ हमारे देश में ही दिखाई देती है।”
सपा प्रमुख ने ख़ुद से जुड़ा एक उदाहरण देते हुए कहा कि “पिछले चुनाव (2024 लोकसभा) में मैं एक मंदिर में गया था और प्रार्थना की थी। बाद में मुझे पता चला कि भाजपा के लोगों ने मंदिर को गंगाजल से धुलवाया है, जबकि मंदिर के पुजारी ने उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा था।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में अपने प्रवेश का वर्णन करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘जब मायावती जी (अपने कार्यकाल के दौरान) मुख्यमंत्री आवास में रहती थीं और उनके बाद हम गए थे। मैंने कभी भी इसे ‘गंगाजल’ से नहीं धुलवाया। लेकिन, जब उप्र के ये मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ), जो योगी बन गए हैं, मुख्यमंत्री आवास में गए तो उन्होंने मुख्यमंत्री आवास को ‘गंगाजल’ से धुलवाया। यह भेदभाव आज भी मौजूद है।’
उन्होंने यह भी दावा किया कि ‘हमारा आरक्षण छीना जा रहा है।’
यादव ने कहा कि “हम चाहते हैं कि देश संविधान के अनुसार चले, लेकिन कुछ लोग इसे अपने अहंकार के अनुसार चलाना चाहते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि संविधान कोरी किताब है और वे इसे संविधान नहीं मानते।’
इस अवसर पर अखिलेश यादव ने लोगों से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा दिए गए नारे ‘जय जवान, जय किसान’ में ‘जय संविधान’ शब्द जोड़ने को भी कहा।
उन्होंने उप्र के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए वहां मौजूद लोगों से पूछा, ‘क्या आपने कभी हमारे मुख्यमंत्री को क्रिकेट खेलते हुए देखा है? मैंने उन्हें एक बार देखा था। गेंद तीन बार उछली, फिर भी वे उसे हिट नहीं कर पाए।’
बाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ”जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है, आतंकी हमले बढ़े हैं और बड़े पैमाने पर सेना के जवान शहीद हुए हैं।”
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अपनी नाकामी छिपाने के लिए उन्होंने जानबूझकर वक्फ संशोधन अधिनियम लाकर पूरे देश में ऐसा माहौल बनाया है।
सपा प्रमुख ने कहा कि रामजी लाल सुमन का कोई अपमान नहीं कर पाएगा और अगर सरकार अब भी खुली छूट देती है (प्रदर्शनकारियों को) तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
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