बागेश्वर बाबा की ‘हिंदू राष्ट्र’ संबंधी टिप्पणी उनकी निजी राय: चिराग पासवान |

Ankit
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पटना, 11 मार्च (भाषा)केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री उर्फ ​​बागेश्वर बाबा द्वारा ‘‘हिंदू राष्ट्र’’ की वकालत ‘‘उनकी व्यक्तिगत राय थी जिससे देश की आबादी का एक हिस्सा सहमत है।’’


लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष ने हालांकि स्पष्ट किया कि देश ‘‘संविधान से’’चलेगा और उन्होंने बाबा को लेकर विपक्ष की आलोचना को ‘तुष्टिकरण’ की राजनीति बताकर खारिज कर दिया।

पासवान ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘बिहार में बागेश्वर बाबा ने जो कहा है, उसे वह पहले भी कई बार कह चुके हैं। यह देश की आबादी के एक वर्ग की निजी राय है। धार्मिक नेताओं की यह इच्छा स्वाभाविक है कि राजनीति उनके विश्वास के अनुसार चले, और इन धार्मिक नेताओं के अनुयायी भी यही विचार रखते हैं।’’

हाजीपुर से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘लेकिन देश संविधान से चलेगा। परंतु मैं यह बताना चाहूंगा कि यहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद)के नेतृत्व में विपक्ष विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि यह उनकी तुष्टिकरण की राजनीति के अनुकूल है।’’

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई राजनीतिक दलों के लिए हिंदुओं का कोई भी उल्लेख शोर मचाने का अवसर बन जाता है। इन दलों को यह महसूस करना चाहिए कि वे धार्मिक आधार पर असंतुलन को जन्म दे रहे हैं।’’

बिहार विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने कहा था कि अगर मुसलमानों को होली के दौरान हिंदुओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों से परेशानी है तो वे ‘‘घर के अंदर रहें’’। इस टिप्पणी की तेजस्वी यादव ने आलोचना की थी और कहा था कि बिहार पर बचौल के ‘‘बाप का राज नहीं है’’।

इस प्रकरण के बारे में पूछे जाने पर लोजपा प्रमुख ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘‘हां, यह किसी के बाप का राज नहीं है। लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि सब उनके परिवार का है।’’

उनका इशारा तेजस्वी यादव की पार्टी राजद की ओर था, जिसका नेतृत्व उनके पिता लालू प्रसाद करते हैं और इस पर परिवार के कई सदस्यों का नियंत्रण है, जिनमें उनकी मां राबड़ी देवी (पूर्व मुख्यमंत्री) और उनके भाई-बहन शामिल हैं।

पासवान ने यह भी कहा कि भाजपा नेता ने संभवतः यह टिप्पणी ‘‘हिंदुओं की मिश्रित संस्कृति के प्रति सम्मान के अनुरूप की है, जिसकी सर्वोत्तम अभिव्यक्ति होली में मिलती है। यह एक ऐसा उत्सव है जिसमें सभी लोगों के शामिल होने का स्वागत किया जाता है और जो लोग असहज हों उनका भी ध्यान रखा जाता है। विपक्ष गलत व्याख्या करने की कोशिश कर रहा है।’’

हाजीपुर से लोकसभा सदस्य पासवान ने कांग्रेस पर भी कटाक्ष किया, जिसने पलायन की समस्या को उजागर करने के लिए 16 मार्च से पूरे बिहार में पदयात्रा निकालने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘राजद के 15 साल के कुशासन के दौरान लोगों को बिहार से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। मैं ऐसे प्रवासियों से मिलता रहता हूं। मेरी पार्टी का मिशन ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ ऐसे प्रवासियों को वापस लाने के उद्देश्य से है। शुक्र है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी यही भावना रखते हैं। लेकिन कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि क्या वह पलायन की बात करके बिहार में अपने ही गठबंधन सहयोगी पर निशाना साध रही है।’’

पासवान ने कहा, ‘‘कांग्रेस और राजद के बीच जल्द ही वर्चस्व की लड़ाई होगी और दोनों दल आगामी विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं लड़ेंगे। कांग्रेस को लगता है कि बिहार में उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं है और राजद के कनिष्ठ सहयोगी के तौर पर चुनाव लड़ने से कहीं अधिक सीटें अकेले लड़ने पर जीत सकती है।’’

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश



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